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मणिपुर में हिंसा अभी पूरी तरह थमी नहीं है, इन दिनों जिरिबाम जिले में स्थिति तनावपूर्ण है, दो बुरी तरह घायल

इंफाल
मणिपुर में हिंसा अभी पूरी तरह थमी नहीं है। इन दिनों जिरिबाम जिले में स्थिति तनावपूर्ण है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह हिंसाग्रस्त इलाकों के दौरे पर जाने वाले थे। उससे पहले मुख्यमंत्री का सुरक्षा काफिला जिरिबाम पहुंचा था लेकिन यहां उग्रवादियों ने घात लगाकर काफिले पर हमला कर दिया। इस हमले में कम से कम दो जवान बुरी तरह घायल हो गए। जानकारी के मुताबिक सुरक्षा काफिले पर गोलीबारी की गई। यह हमला नेशनल हाइवे 53 पर कोटलेन गांव के पास हुआ।

जानकारी के मुताबिक हमले में सीआईडी राज्य पुलिस का एक जवान और सीआईएसएफ का एक जवान घायल हुआ है। घायलों को तुरंत इलाज के लिए इंफाल भेज दिया गया। दरअसल जिरिबाम में 6 जून को अज्ञात लोगों ने एक शख्स का सिर कलम कर दिया था। इसके बाद जिरिबाम का माहौल बिगड़ गया। घटना के बाद कई घरों, वाहनों और सरकारी कार्यालयों को आग लगा दी गई। सैकड़ो लोग इलाका छोड़कर चले गए। मुख्यमंत्री इसी इलाके के हालात का जायजा लेने जाने वाले थे।

जिरिबाम इंफाल से 220 किलोमीटर दूर है और यह असम की सीमा से छुआ हुआ है। यहां पहाड़ियों में कुकियों की आबादी ज्यादा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा काफिला जिरिबाम की ओर जा रहा था। तभी अचानक झाड़ियों से गोलीबारी होने लगी। सुरक्षाबलों ने हमलावरों को जवाब भी दिया। वहीं दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। पुलिस कमांडो और असम राइफल्स इलाके में तलाशी अभियान चला रही है।

मणिपुर में हिंसा भड़के एक साल से ज्यादा वक्त हो चुका है। बीते साल 3 मई को यहां मैतेई समुदाय की अुसूचित जाति दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी कुकी समुदाय ने मार्च निकालला था। इसके बाद हिंसा शुरू हो गई और पूरे प्रदेश में सैकड़ों लोगों की जान चली गई। बता दें कि राज्य में मैतेई समुदाय की संख्या करीब 53 फीसदी है। वहीं कुकी समुदाय की आबादी 40 प्रतिशत के करीब है।