महाशिवरात्रि पर्व से आरंभ होगा विक्रमोत्सव-2025 : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि उज्जैन में महाशिवरात्रि पर्व 26 फरवरी से विक्रमोत्सव-2025 का आरंभ होगा। सृष्टिकर्ता महादेव के महोत्सव से सृष्टि के आरंभ दिवस वर्ष प्रतिपदा 30 मार्च तक चलने वाला विक्रमोत्सव, सम्राट विक्रमादित्य के युग, भारत उत्कर्ष, नवजागरण और भारत विद्या पर केंद्रित रहेगा। इसके अंतर्गत साहित्यिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही ज्योतिर्विज्ञान, विचार गोष्ठियाँ, इतिहास और विज्ञान समागम, विक्रम व्यापार मेला, लोक एवं जनजातीय संस्कृति पर आधारित गतिविधियाँ संचालित होंगी। विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के ऐप के प्रवर्तन, हस्तशिल्प, पारंपरिक व्यंजन, वस्त्रोद्योग, हथकरघा उपकरणों की प्रदर्शनी के साथ क्षेत्रीय, पौराणिक फिल्मों के महोत्सव और श्रीकृष्ण पर केन्द्रित विशेष फिल्मों का प्रदर्शन और प्रस्तुतियाँ भी विक्रमोत्सव का हिस्सा रहेंगे। कार्यक्रम में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के साथ ही शोधपरक पुस्तकों, ग्रन्थों का लोकार्पण और विक्रम पंचांग का प्रकाशन भी होगा। सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों को समाहित किए विरासत से विकास का यह विक्रमोत्सव अपने आप में अनूठा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में विक्रमोत्सव-2025 की आयोजन समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विक्रमोत्सव के कैलेंडर का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विक्रमोत्सव का आयोजन, सम्राट विक्रमादित्य के बहुआयामी व्यक्तित्व की गरिमा के अनुरूप हो। कार्यक्रम का प्रारंभ अत्यंत निकट है, अतः सभी विभाग, समन्वयपूर्वक निर्धारित समय से पहले ही सभी तैयारियां पूर्ण करना सुनिश्चित करें। आयोजन के सहभागी बनने वाले सभी विद्वतजन, कलाकारों और अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों का स्वागत और व्यवस्था "अतिथि देवो भव:" के भाव से की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि महाशिवरात्रि पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार का कष्ट न हो और पर्व की व्यवस्थाएं भी प्रभावित नहीं हों।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विक्रमोत्सव में उज्जैन के साथ अन्य स्थानों पर भी सम्राट विक्रमादित्य, भारतीय ऋषि वैज्ञानिक परंपरा, देवी अहिल्याबाई पर केंद्रित प्रदर्शनियां लगाई जाएं। भारतीय ज्ञान परंपरा के विभिन्न पक्षों पर जन-जन में जानकारी के प्रसार के लिए गतिविधियों संचालित की जाए। उन्होंने प्रदेश की भीली, गोंडी जैसी जनजातीय बोलियां के कवियों को भी कवि सम्मेलन में शामिल करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य पर केंद्रित गीत, कविता और रचनाओं को सम्मानित किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विक्रमोत्सव में होने वाले राष्ट्रीय विज्ञान सम्मेलन में ड्रोन और रोबोटिक-शो जैसे आयोजन हों। उन्होंने महाकौशल, बुंदेलखंड, बघेलखंड क्षेत्र में भी विज्ञान सम्मेलन आयोजित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विज्ञान सम्मेलनों में इसरो सहित अन्य महत्वपूर्ण विज्ञान और शोध संस्थानों के वैज्ञानिकों को भी आमंत्रित किया जाए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विक्रम संवत के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि संवत, प्रवर्तन की प्रक्रिया सामर्थ्य और सुशासन पर आधारित है, सम्राट विक्रमादित्य के विविध पक्षों पर जन-जन को जानकारी देने के लिए गतिविधियां संचालित की जाना चाहिए। उन्होंने जाणता राजा के समान विकसित महानाट्य सम्राट विक्रमादित्य की प्रस्तुतियां प्रदेश के विभिन्न शहरों के साथ देश के प्रमुख नगरों में करने के भी निर्देश दिए।
विक्रमोत्सव में होने वाले विविध कार्यक्रम
"विक्रमोत्सव का भव्य शुभारंभ महाशिवरात्रि के पावन पर्व से होगा। प्रदेश भर में महाशिवरात्रि मेलों का शुभारंभ होगा। उज्जैन में होने वाले शुभारंभ कार्यक्रम में विंटेज कार, स्पोर्टस बाइक और जनजातीय कलाकारों की प्रस्तुति के साथ कलश यात्रा निकाली जाएगी। इस अवसर पर 84 महादेव की विशेष प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। प्राचीन भारतीय काल गणना पर आधारित "वैदिक घड़ी ऐप" का लोकार्पण होगा। कार्यक्रम में सिंहस्थ-2028 की रूपरेखा का निर्धारण किया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत ताल वादक आनंदम शिवमणि एवं लोक गायक हंसराज रघुवंशी की सांगीतिक प्रस्तुति होगी। विक्रम व्यापार मेला के अंतर्गत वस्त्रोद्योग, हथकरघा, उपकरणों की प्रदर्शनी आयोजित होगी। आदि शिल्प के तहत जनजातीय शिल्प, पारम्परिक व्यंजन एवं जनजातीय परंपरागत चिकित्सा शिविर लगाए जाएंगे।
विक्रमोत्सव में 27 फरवरी से आर्ष भारतीय ऋषि वैज्ञानिक परंपरा, विक्रमकालीन मुद्रा एवं मुद्रांक, श्रीकृष्ण की 64 कलाएँ (मालवा की चितरावन शैली में), श्रीकृष्ण होली पर्व, चौरासी महादेव, जनजातीय प्रतिरूप, सम्राट विक्रमादित्य और अयोध्या, प्राचीन भारतीय वाद्य यंत्र, देवी 108 स्वरूप और देवी अहित्या पर निर्मित स्थापत्य पर प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी। साथ ही शैव परंपरा एवं वास्तु-विज्ञान, भारत में संवत परंपरा-वैशिष्ट्य एवं प्रमाण पर शोध संगोष्ठी होगी। वायलिन वादक अनुप्रिया देवेताले अपनी प्रस्तुति देंगी। एक से 3 मार्च 2025 तक वैचारिक समागम के अंतर्गत सम्राट विक्रमादित्य का न्याय विषय पर मंथन होगा। आठ मार्च को लोक रंजन में बोलियों का अखिल भारतीय कवि सम्मेलन होगा।