Madhya Pradesh

भोपाल मंडल के दो स्टेशनों को मिला “बीईई शून्य लेबल प्रमाणपत्र”, रेलवे की ऊर्जा संरक्षण में बड़ी उपलब्धि

भोपाल
 मंडल रेल प्रबंधक देवाशीष त्रिपाठी के मार्गदर्शन में पश्चिम मध्य रेलवे, भोपाल मंडल के मंडीदीप और सांची रेलवे स्टेशन को बीईई शून्य लेबल प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ है। यह प्रमाणपत्र रेलवे की ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
यह प्रमाणपत्र भोपाल मंडल के विद्युत सामान्य विभाग के अथक प्रयासों का परिणाम है। वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता (सामान्य) संजय मानोरिया के नेतृत्व में इन स्टेशनों ने ऊर्जा प्रबंधन और दक्षता बढ़ाने के लिए कई प्रभावी उपाय अपनाए, जिससे यह उपलब्धि हासिल हुई है।

क्या है "बीईई शून्य लेबल प्रमाणपत्र"?
बीईई (Bureau of Energy Efficiency) शून्य लेबल प्रमाणपत्र एक प्रतिष्ठित मान्यता है, जो ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए दी जाती है। इस प्रमाणपत्र का उद्देश्य सार्वजनिक स्थानों और भवनों में ग्रीन और कार्बन-न्यूट्रल वातावरण को बढ़ावा देना है। जिन प्रतिष्ठानों को यह प्रमाणपत्र मिलता है, वे शून्य कार्बन उत्सर्जन और ऊर्जा कुशलता को अपनाने की दिशा में काम करते हैं।

भोपाल मंडल की ग्रीन रेलवे परियोजना को मिला बढ़ावा
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया ने बताया कि मंडीदीप और सांची रेलवे स्टेशन ने ऊर्जा बचत और पर्यावरण संरक्षण के लिए अपने प्रयासों को सिद्ध किया है। इस प्रमाणपत्र की प्राप्ति से भोपाल मंडल की ग्रीन रेलवे परियोजना को और मजबूती मिलेगी। रेलवे परिसरों में ऊर्जा संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा के अधिकतम उपयोग को लेकर रेलवे प्रतिबद्ध है।

भोपाल मंडल ने इस उपलब्धि के साथ रेलवे की ऊर्जा लागत को कम करने और रेलवे परिसरों में प्रदूषण नियंत्रण को बढ़ावा देने के संकल्प को दोहराया है। इस पहल से न केवल रेलवे का ऊर्जा खर्च कम होगा, बल्कि यात्रियों को भी एक स्वच्छ, हरित और पर्यावरण-अनुकूल स्टेशन की सुविधा मिलेगी।