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दो विशाल उल्कापिंड धरती के करीब आए, जिसमे से एक माउंट एवरेस्ट के बराबर

वॉशिंगटन
 दो विशाल एस्टेरॉयड धरती के करीब से गुजरेंगे। इनमें से एक का आकार माउंट एवरेस्ट के बराबर है। गुरुवार रात से 42 घंटों के भीतर इन्हें धरती के करीब से गुजरना है। इनसे डरने के जरूरत नहीं है, क्योंकि कोई भी खतरा पैदा नहीं करेगा। लेकिन चूंकि उनमें से एक को पिछले सप्ताह ही खोजा गया था और दूसरा हमारे ग्रह के करीब से गुजरने वाले अब तक के सबसे बड़े पिंडों में से एक है, यह पृथ्वी के लिए खतरों को याद दिलाते हैं। इनके धरती के करीब से गुजरने का समय बेहद खास है। 30 जून को एस्टेरॉयड डे मानाया जाता है। ये दोनों विशाल उल्कापिंड धरती के करीब इसी दौरान गुजर रहे हैं।

415029 (2011 UL21) नाम का विशाल एस्टेरॉयड गुरुवार को पृथ्वी के सबसे करीब से गुजरा। यूरोपी स्पेस एजेंसी की न्यूज विज्ञप्ति के मुताबिक अपने निकटतम बिंदु पर यह लगभग 65 लाख किलोमीटर से ज्यादा दूर था। यह पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी का 17 गुना ज्यादा है। इसका आकार 7500 फीट (2.28 किमी) से ज्यादा बड़ा है, जो लगभग माउंट एवरेस्ट के व्यास के बराबर है। यह धरती के करीब मौजूद 99 फीसदी क्षुद्रग्रहों से बड़ा है।

पृथ्वी के करीब से गुजरेगा उल्कापिंड

इसके दो दिन बाद एक छोटा एस्टेरॉयड पृथ्वी के करीब से गुजरेगा। हालांकि खगोलविदों का कहना है कि इसके प्रभाव की भी 0 फीसदी संभावना है। 2024 MK नामक एस्टेरॉयड 2.90 लाख किलोमीटर दूर होगा। यह चंद्रमा की कक्षा के भीतर से गुजरेगा। यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने कहा कि इसे शनिवार को एक छोटी दूरबीन से साफ अंधेरे आसमान में देखा जा सकेगा। नए खोजे गए 2024 MK का आकार डिमोर्फोस उल्कापिंड के बराबर है, जो धरती से 1.2 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर है।

नासा ने उल्कापिंड की बदली थी दिशा

नासा ने 2022 में एक अंतरिक्ष यान से डिमोर्फोस उल्कापिंड को टक्कर मारी थी। यह अपनी तरह का पहला मिशन था, जिसने उल्कापिंड की कक्षा में 32 मिनट का बदलाव किया। वैज्ञानिकों का मानना है कि किसी भी खतरनाक उल्कापिंड को धरती की ओर आने से रोकने के लिए उसकी दिशा इसके जरिए बदली जा सकती है। इस साल की शुरुआत में नासा ने सरकारी प्रतिनिधियों के एक समूह के सामने एक एस्टेरॉयड के 14 वर्षों में पृथ्वी से टकराने की संभावना का एक काल्पनिक परिदृश्य प्रस्तुत किया, जिसमें पता चला कि अभी दुनिया को और भी तैयारी की जरूरत है।