संगठन में पद देकर नेताओं को साधने की कोशिश… दंतेवाड़ा में अवधेश को कमान के निहितार्थ…
- सीजीइम्पेक्ट न्यूज. दंतेवाड़ा।
पीसीसी ने कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है। जिला अध्यक्षों के नाम का ऐलान भी कर दिया गया है। इस बार बस्तर में संगठन की तस्वीर बदलने की कोशिश साफ झलक रही है। दंतेवाड़ा जिले में अवधेश गौतम को जिला अध्यक्ष बनाकर बहुत बड़ा संदेश दिया गया है।
माना जा रहा है कि जिला पंचायत चुनाव में तुलिका को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने में अवधेश की बड़ी भूमिका रही। सीपीआई समर्थित सदस्य विमला सोरी को तुलिका के लिए मनाना अवधेश के लिए दूर की कौड़ी साबित हुआ। यदि ऐसा नहीं होता तो जिला पंचायत का अध्यक्ष भाजपा समर्थित प्रत्याशी होता।
दंतेवाड़ा में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष की दौड़ में गीदम के शकील रिज़वी और बचेली के सलीम उस्मानी थे। इसके अलावा वर्तमान अध्यक्ष विमल सुराना, शकील और अवधेश गौतम निगम—मंडल में पद की दौड़ में भी रहे।
ऐसे में अवधेश को संगठन में एडजस्ट किए जाने के बाद विमल सुराना और शकील रिज़वी का दावा लाल बत्ती के लिए ज्यादा मजबूत होता दिख रहा है।
कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि उप चुनाव के दौरान प्रदेश संगठन के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने जिला कांग्रेस के काम काज को बेहद करीब से देखा था। वे कर्मा परिवार के राजनीतिक भविष्य के लिए मजबूत संगठन की वकालत करते रहे।
विधानसभा चुनाव में मिली पराजय की जब समीक्षा की तो उनके सामने बेहद चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। इसके बाद ही प्रदेश संगठन ने चुनाव की कमान सीधे अपने हाथ में लेकर काम शुरू किया जिसका परिणाम सबके सामने है।
फिलहाल अवधेश सिंह गौतम को जिला अध्यक्ष बनाने के लिए छविंद्र कर्मा की सहमति ली गई है। तुलिका भी अवधेश गौतम के पक्ष में हैं। स्वाभाविक तौर पर देवती कर्मा का भी अवधेश के पक्ष में समर्थन सामने आया है।
यानी कर्मा परिवार को विश्वास में लेकर संगठन का जिला अध्यक्ष अवधेश गौतम को नियुक्त किया गया है। अवधेश गौतम की राजनीति भी हमेशा से विवादों में ही रही। वहीं वे मुख्यमंत्री जोगी के कार्यकाल में महेंद्र कर्मा के कट्टर विरोधी अजित जोगी के करीबी रहे। भाजपा के कार्यकाल में वे सीएम रमन सिंह के करीबी रहे। यही आरोप उन पर लगता भी रहा। इसके बावजूद वे जब कांग्रेस को उनके क्षेत्र में ताकत की जरूरत पड़ी वे अपने दम पर कांग्रेस को फायदा भी पहुंचाते रहे।
नक्सलियों ने अवधेश गौतम पर 4 बार बड़ा हमला किया जिसमें वे बच निकले। झीरम घाट पर कांग्रेस के काफिले में हमले के बाद उनकी गाड़ी ब्लास्ट के जद से सेकेंड के फासले से बाहर निकली थी। बीते दस बरस में अवधेश गौतम पर चार दफा नक्सली अटैक कर चुके हैं। अंतिम बार 28 जनवरी 2018 को माओवादियों की स्माल एक्शन कमेटी ने अटैक किया था। जिसमें वे गार्ड का एक 47 छिनकर भागने में कामयाब हो गए थे।
अपने इलाके में जमीनी पकड़ और कूटनीतिक राजनीतिज्ञ के तौर पर अवधेश गौतम दंतेवाड़ा जिला में कांग्रेस का बड़ा चेहरा हैं। तमाम राजनीतिक विरोधों के बावजूद वे दौड़ में रहे और पद हासिल करने में कामयाब भी…