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जनजातीय समाज ने कभी किसी की ग़ुलामी स्वीकार नहीं की, हमेशा अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए विदेशी आक्रांताओं से लोहा लिया : वनवासी विकास समिति

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रायपुर ने मनाया गया जनजाति गौरव दिवस, जनजातीय नायकों के बारे में दी गई जानकारी

इम्पेक्ट न्यूज़. रायपुर।

राजधानी में वनवासी विकास समिति रायपुर की महानगर इकाई द्वारा रोहिणीपुरम के शबरी कन्या आश्रम परिसर में जनजाति गौरव दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश सनमान सिंह, अखिल भारतीय युवा कार्य प्रमुख वैभव सुरंगे, अध्यक्ष वनवासी विकास समिति के प्रांत अध्यक्ष श्री उमेश कच्छप और महानगर अध्यक्ष रवि गोयल शामिल हुए।

सभी वक्ताओं ने भारतीय संस्कृति और परम्पराओं की रक्षा और आज़ादी की लड़ाई में जनजातीय नायकों के योगदान की जानकारी लोगों को दी। मुख्य वक्ता श्री सुरंगे ने जनजाति समाज के स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया की जनजाति समाज ने विदेशी आक्रांताओं के सामने कभी भी परतंत्रता को स्वीकार नहीं किया, वे लगातार लड़ते रहे। तिलका मांझी ,सिद्धू कानो,ताना भगत ,शहीद वीर नारायण सिंह ,शहीद गेंदसिंह जैसे अनेक वीर जनजाति समाज में हुए हैं, जिन्होंने अपनी आदिवासी परम्पराओं और अपनी आज़ादी के लिए हमेशा विदेशी आक्रमणकारियों से लोहा लिया। उन्होंने कहा कि आदिवासी नायक बिरसा मुंडा ने तो केवल 25 वर्षों में पूरे समाज में अंग्रेजो के विरुद्ध जनचेतना फैला दी थी। कार्यक्रम में रवि गोयल ने छतीसगढ़ के बस्तर के भुमकाल आंदोलन का ज़िक्र करते हुए उन्हें बस्तर का पहला स्वतंत्रता नायक बताया।
कार्यक्रम में श्रीमती माधवी जोशी, सुभाष वाडोले, रामनाथ कश्यप, डॉ अनुराग जैन, ललित चंद्राकर, राजीव शर्मा, कृष्णकुमार वैष्णव , अनिल पाटिल सहित वनवासी विकास समिति के कार्यकर्ता व जनजाति समाज के अनेक प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ अनुज शुक्ला ने व आभार प्रदर्शन डॉ अशोक भगत ने किया।