BeureucrateDistrict DantewadaState News

इस साल दंतेवाड़ा के 5 पहुंच विहिन गांव कनेक्ट हुए… अगले साल और 4 गांव कनेक्ट हो जाएंगे…

इम्पेक्ट न्यूज. दंतेवाड़ा।

एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा : बिना कैंप खोले सड़क, पुलिया निर्माण और उसकी सुरक्षा संभव नहीं…

गंगालुर में सड़क और पुलिया निर्माण के विरोध प्रदर्शन को लेकर दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा कि यह आश्चर्य होता है कि किसी ग्राम का प्रधान ही ऐसे प्रदर्शन का नेतृत्व करता है। दंतेवाड़ा जिले में भी इसी तरह के प्रदर्शन हुए जब कुछ जगहों पर मानसून के दौरान कट जाने वाले गांवों को जोड़ने का प्रयास किया गया।

इस सबके बावजूद इस साल कम से कम 5 गांवों को जोड़ने में सफलता मिली है। इसकी हमें खुशी है। इनमें पोटाली, बुरगुम, परचेली, चिकपाल, बोदली शामिल हैं जो मानसून के दौरान कट जाया करते थे। इससे आम ग्रामीणों को पीडीएस, बिजली और स्वास्थ्य को लेकर परेशानी होती थी।

पर यह बात भी जरूरी है कि बिना फारवर्ड कैंप स्थापित किए इस तरह के काम पूरे होने के बाद भी हालात नहीं बदल सकते। क्यों कि काम पूरा होने के बाद नक्सलियों के दबाव में ग्रामीण स्वयं ही इसे नुकसान पहुंचा सकते हैं।

श्री पल्लव ने कहा कि नीलावाया के ग्रामीण यदि लिखित में दें कि उन्हें नीलावाया सड़क पुलिया चाहिए तो तुरंत बनाया जाएगा। परंतु बिना यह काम बिना फारवर्ड कैंप खोलना होगा। इसके बगैर बना भी देते हैं तो नक्सली ग्रामीणों से इसे कटवा भी देंगे।

मानसून के बाद रेवाली और नहाड़ी में नए पुलिस शिविर खोलने का प्रस्ताव है। हम नीलावाया सड़क और पुल को मलंगीर नदी पर पूरा कर पाएंगे। अब छिंदनार पुल के साथ अगले साल 4 और गाँव जुड़ जाएंगे।

हमें उम्मीद है कि अगले साल तक ज्यादातर गाँव जुड़ जाएंगे। इससे संतुष्टि मिलती है कि हमारे प्रयासों के कारण 5000 से अधिक ग्रामीणों को इस मानसून का लाभ मिलेगा। परचेली, चिकपाल, पोटाली, बुरगुम और बोदली में खोले गए नए पीडीएस, विद्युतीकरण से पोटाली और बुरगम में लोगों को सीधा लाभ मिल रहा है।

पोटाली शिविर खोलने के लिए जो विरोध प्रदर्शन किया वह अद्वितीय था। नक्सलियों (शहरी और जंगल) ने, पोटाली शिविर को रोकने के लिए सभी तरह के प्रयास किए। ओवरटेक रणनीतियों का इस्तेमाल किया। लेकिन राज्य सरकार, जिला प्रशासन, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, साथी डीआरजी, एसटीएफ, सीएएफ, सीआरपीएफ के सहयोग से हमे सफलता मिली। पोटाली जैसे एक बहुत ही कठिन शिविर को स्थिर करने में सफलता मिलने से ग्रामीणों को इसका लाभ मिल रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *