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कान दर्द की समस्या से अपने बच्चों को ऐसे छुटकारा दिलवाएं

ठंड के मौसम में सभी को कान दर्द की काफी परेशानी होती हैं। बड़े तो इस दर्द को बता कर तुरंत इलाज कर सकते हैं। लेकिन बच्चों के लिए ये बहुत दिक्कत का कारण हो जाता हैं। यह 3 साल तक के बच्चों में ज्यादा होता है। कुछ बच्चों को कान में इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा होता है। इन बच्चों को किसी चीज से एलर्जी की वजह से भी ऐसा हो सकता है। बच्चे के कान में इन्फेक्शन होने पर अक्सर बच्चा कान पकड़ कर रोता है। इसलिए बेहद जरूरी है कि आप बच्चे के आस पास सफाई रखे।

सर्दी-जुकाम से रोकथाम करें: जिस तरह से तंबाकू के कण से कान में इंफेक्शन हो सकता है ठीक उसी तरह से बच्चे को सर्दी-जुकाम भी हो जाता है। अपने बच्चे को भीड़-भाड़ वाली जगह पर ना लेकर जाएं या कोई व्यक्ति बीमार है तो उनके हाथों में अपने बच्चे को ना दें।

बच्चे के आस-पास धूम्रपान ना करें: तंबाकू या धूम्रपान करने से बच्चे को कान में इंफेक्शन होने का खतरा 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। एक स्टडी के मुताबिक तंबाकू के कण बच्चे के कान की अंदरुनी ट्यूब में एकत्रित हो जाते हैं। यह कण ट्यूब से तरल पदार्थ निकलने नहीं देते हैं जिसके कारण कान में इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप घर के बाहर धूम्रपान करते हैं तो यह कण आपके बालो और कपड़ों से बच्चे के पास जा सकते हैं।

जब बच्चा लेटा हुआ हो तो उसे बोतल ना दें: जब बच्चा लेटकर बोतल को चूसता है तो उसके कान की अंदरुनी ट्यूब खुल जाती है। जिसकी वजह से गले से के जरिए कीटाणु कान में चले जाते हैं। यह कीटाणु कान को संक्रमित करते हैं। अगर आप अपने बच्चे को बोतल की मदद से फीड कराती हैं उसे फीड कराते समय बोतल को ऊपर से पकड़ कर रखें या बोतल से फीड कराते समय बच्चे को बेड पर ना लेटाएं।

ब्रेस्टफीडिंग: ब्रेस्टफीडिंग कान में इंफेक्शन की रोकथाम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साथ ही ब्रेस्टफीडिंग से कान के अंदर की ट्यूब को बेहतर फंक्शन में मदद मिलती है। आप जितने ज्यादा समय तक ब्रेस्टफीड कराते हैं तब तक आपका बच्चा कान में इंफेक्शन से बचा रहता है।

अगर कान में इंफेक्शन की परेशानी ठीक ना हो तो डॉक्टर से बात करें: अगर आपका बच्चा बहुत समय से कान में इंफेक्शन से परेशान हैं तो भविष्य में कान में इंफेक्शन होने से बचाने के लिए आप उसे डॉक्टर से दवा लेने की सलाह ले सकते हैं। अगर बच्चे को काफी समय से इंफेक्शन है तो इसके इलाज का एक और उपाय है। आप टाइपमोपोस्टोमी ट्यूब को बच्चे के कान में डालकर जो कान से तरल पदार्थ निकालने में मदद करता है। यदि कान में इंफेक्शन से बच्चे को सुनने या पढ़ने में कोई परेशानी हो रही है तो इसके लिए अपने डॉक्टर से बात करें।