लखमा के वोट बैंक में लग सकती है सेंध! आदिवासी हितों की उपेक्षा का लग रहा आरोप… चुनाव में बहिष्कार की बात पर अड़े ग्रामीण, बोड़केल में ग्रामीणों ने कहा-ग्राम सभाएं कर तय करेंगे प्रत्याशी… (ग्राउंड रिपोर्ट– पार्ट 03)…
इंपैक्ट डेस्क.
बीजापुर। सुकमा-बीजापुर के सरहदी गांवों में हवाई हमले को लेकर जारी विरोध के बीच अब 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी हजारांे ग्रामीण मुखर हैं। बोड़केल में हवाई हमले के विरोध में जुटे हजारों ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक-जनप्रतिनिधियों पर निशाना साधा है और उन पर आदिवासी हितों की उपेक्षा का आरोप लगाते आने वाले विधानसभा चुनाव में सबक सिखाने की बात कही है।
एयर स्ट्राइक को लेकर जुटे हजारों ग्रामीणों की नाराजगी अब अपने ही क्षेत्र के विधायक समेत तमाम जनप्रतिनिधियों को लेकर है। उनका कहना है कि घटना की वास्तविकता जानने जो विधायक-जनप्रतिनिधि आज उनके बीच नहीं पहुंच रहे हैं, उन्हें आने वाले विधानसभा चुनाव में बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा।
पीड़ित आदिवासी उनके पक्ष में वोट नहीं करेंगे, बल्कि चुने गए विधायकों के बदले नया विकल्प तय करेंगे।
ग्रामीणों का आरोप है कि जब-जब चुनाव की बारी आती है तो वोट के लिए राजनीतिक दलों के नेता उनसे वोट डालने की अपील करता है। यहां बोड़केल में मंत्री कवासी लखमा को लेकर खासी नाराजगी देखने को मिली।
ग्रामीणों का कहना था कि नक्सल उन्मूलन के नाम पर उन पर हो रही ज्याददती को लेकर जब उनके नेता को गांवों का दौरा करने, उनके पक्ष में आवाज उठाने की फूर्सत नहीं है तो बहिष्कार करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं रह जाता। गांवों पर लगातार पुलिस के बढ़ते दबाव, हवाई हमले जैसी घटना के मद्देनजर उन्हें अपनी आवाज बाहर पहुंचाने अपने बीच से नेतृत्व का चुनाव करने पर सभी विचार कर रहे हैं। जिसके लिए ग्राम सभा को माध्यम बनाया जाएगा। सुकमा के सरहदी इलाकों में बसे जितने भी गांव है, हर गांव में ग्राम सभा कर वे प्रत्याशी की तलाश करेंगे, जिसका चुनाव कर अपनी बातों को आगे तक पहुंचाएंगे। फिलहाल उक्त गांवों में ग्राम सभाएं कब-कब होंगी, इस पर कोई निर्णय अभी नहीं हुआ है, लेकिन बोड़केल में जुटी हजारों ग्रामीणों की भीड़ ने स्थानीय विधायक और प्रदेष कैबिनेट में मंत्री कवासी लखमा का आगामी विस चुनाव में बहिष्कार की चेतावनी देते जल्द ही ग्राम सभाएं बुलाने की बात कही है।
अगर ऐसा होता है तो निश्चित ही 2023 विस चुनाव में मंत्री लखमा को अपने विधानसभा क्षेत्र में जगरगुंडा तथा पामेड़ से सटे इलाकों में ग्रामीणों का खासा विरोध झेलना पड़ सकता है, इससे ना सिर्फ लखमा के वोट बैंक में सेंध लग सकती है बल्कि जीत के रास्ते में बड़ी बाधा भी उत्पन्न हो सकती है।
फिलहाल सुकमा-बीजापुर के सरहदी इलाकों में हवाई हमले को लेकर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और ग्रामीणों का गुस्सा अब सीधे तौर पर स्थानीय विधायक पर देखने को मिला है। ग्रामीणों की मांग है कि उनके नेता ने उनसे चुनाव से पहले जो वायदे किए थे पहले उन्हें पूरा करें, उनकी परेशानियों, उन पर हो रही ज्यादती को उनके गांव पहुंचकर देखें,इसके बाद भी नेता उनकी उपेक्षा करते हैं तो 2023 में लखमा को अंदरूनी इलाके से ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ सकता है, जिसे चुनाव राह में बड़ी खलल के रूप में जोड़कर देखा जा रहा है।