इंदौर में मेट्रो के एयरपोर्ट से बंगाली चौराहे तक के हिस्से को अंडरग्राउंड करने पर फंसा पेच
इंदौर
इंदौर व भोपाल में बन रहे मेट्रो प्रोजेक्ट के रूट व स्टेशन में अब आसानी से बदलाव नहीं होगा। देश के गजट में दोनों शहरों में बन रहे व प्रस्तावित मेट्रो के रूट व स्टेशन को 22 अगस्त अधिसूचित कर लिया गया है। इस तरह इंदौर व भोपाल में मेट्रो जिस रूट पर चलेगी वो फाइनल हो चुका है। गुरुवार को मेट्रो कार्यालय में हुई बैठक में यह जानकारी मेट्रो के एमडी ने दी।
इंदौर में यलो लाइन कहलाने वाली मेट्रो का 31.32 किमी का रिंग लाइट रूट तय है। इस पर 28 मेट्रो स्टेशन बनना प्रस्तावित है। इसमें सुपर कारिडोर पर 5.9 किमी के हिस्से में पांच मेट्रो स्टेशन के बीच प्रायोरिटी कॉरिडोर पर मेट्रो रेल प्रबंधन द्वारा दिसंबर 2024 तक कमर्शियल रन शुरू करने की योजना है।
गांधी नगर से रेडिसन चौराहे तक 17 किलोमीटर तक 16 स्टेशन वाले हिस्से में जून 2025 तक कमर्शियल रन शुरू करने की योजना है। इस कार्य को तय समय में पूरा करने के लिए वरिष्ठ अधिकारी सप्ताह में दो दिन इंदौर में प्रोजेक्ट की मॉनीटरिंग करेंगे।
गजट में भी करवाना होगा बदलाव
इंदौर में फिलहाल एयरपोर्ट से रीगल तक 8.7 किलोमीटर के रूट पर 7 स्टेशन अंडरग्राउंड बनाने का प्रस्ताव है। गजट में अधिसूचित मेट्रो के रूट में यही हिस्सा दर्ज है। मेट्रो रेल प्रबंधन बंगाली चौराहे से मेट्रो को अंडरग्राउंड करने पर विचार कर रहा है।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के निर्देश पर अंडरग्राउंड मेट्रो के रूट को लेकर सर्वे रिपोर्ट भी तैयार हुई। इस पर राज्य व केंद्र सरकार की मुहर लगना बाकी है। इसके लिए केंद्र सरकार से अनुमति मिलने व 1600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि मिलने पर ही यह बदलाव संभव है। ऐसे में बंगाली चौराहे से अंडरग्राउंड होने वाले रूट के बदलाव को भविष्य में गजट में अधिसूचित करवाना होगा।