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शिवलिंग पर विभिन्न पदार्थों से पूजा के अलग-अलग फल और लाभ

सच्चे मन से, भगवान शिव के प्रति पूर्ण समर्पण, भक्ति भावना के सहित सावन के पवित्र मास में शिव पूजन समस्त पापों का नाश करके जीवों को संसार के संपूर्ण सुख एवं मोक्ष प्रदान करता है।

पारद से बने शिवलिंग की महिमा अद्भुत है, इसका पूजन सर्वमनोकामना सिद्ध करता है।

चांदी का शिवलिंग धन-धान्य बढ़ाता है।

जौ, गेहूं, चावल, तीनों का आटा समान भाग में मिलाकर जो शिवलिंग बनाया जाता है, उसकी पूजा स्वास्थ्य, श्री और संतान देती है।

चंदन से बना शिवलिंग शिव सानिध्य देता है।

फूलों से बनाया गया शिवलिंग भू-सम्पत्ति देता है।

मिश्री से बनाए हुए शिवलिंग की पूजा रोग से छुटकारा देती है।

सौंठ, मिर्च, पीपल के चूर्ण में नमक मिलाकर जो शिवलिंग बनाया जाता है, उसका प्रयोग वशीकरण आदि अभिचार में किया जाता है।

भीगे तिल को पीसकर बनाया गया शिवलिंग अभिलाषा पूर्ति करता है।

यज्ञ कुण्ड से ली गई भस्म से जो शिवलिंग बनता है, उसका पूजन अभीष्ट देने वाला होता है।

किसी की प्रीति बढ़ाने के लिये गुड़ की डली से बनाकर शिवलिंग का पूजन करना चाहिये।

सुख-शांति की प्राप्ति के लिए चीनी की चाशनी से बने शिवलिंग का पूजन होता है।

बांस के अंकुर को शिवलिंग के समान काटकर पूजा करने से वंशवृद्धि होती है।

गुड़ में अन्न चिपकाकर शिवलिंग बनाकर पूजा करने से कृषि-उत्पादन अधिक होता है।

किसी भी फल को शिवलिंग के समान रखकर उसकी पूजा करने से फलवाटिका में अधिक फल आता है।

आंवले को पीसकर बनाया गया शिवलिंग मुक्ति-प्रदाता होता है।

वृक्षों के पत्तों को पीसकर बनाया गया शिवलिंग स्त्री के लिये सौभाग्यदाता होता है।

दूर्वा को शिवलिंगाकार गूंथकर उसकी पूजा करने से अकाल-मृत्यु का भय दूर होता है।

कपूर से बने शिवलिंग का पूजन भक्ति और मुक्ति देता है।

लोहे से बने शिवलिंग का पूजन सिद्धि देता है।

मोती के शिवलिंग का पूजन स्त्री की भाग्य वृद्धि करता है।

स्वर्ण निर्मित शिवलिंग समृद्धि का वर्धन करता है।

पीतल का शिवलिंग दरिद्रता का निवारण करता है।

लहसुनिया नामक रत्न का शिवलिंग शत्रुओं का नाशक होता है, विजयदाता होता है।