2024 का साल भारत के लिए कई दर्दनाक, चौंकाने वाली और दिल दहला देने वाली घटनाओं से भरा रहा
नई दिल्ली
2024 का साल भारत के लिए कई दर्दनाक, चौंकाने वाली और दिल दहला देने वाली घटनाओं से भरा रहा। यह साल न केवल राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना, बल्कि इसने कई संवेदनशील मुद्दों को भी सामने लाया। कुछ घटनाएं ऐसी रही, जिन्होंने पूरी दुनिया को झकझोर दिया और देश में बड़े पैमाने पर आक्रोश, सवाल और विवाद पैदा किए। आइए जानते हैं कुछ ऐसी प्रमुख घटनाओं के बारे में जिन्होंने इस साल भारतीय समाज को प्रभावित किया।
1. कोलकाता रेप कांड
9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई। यहां पर एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया और उसके बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस घटना ने ना केवल पश्चिम बंगाल, बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस घटना के बाद राज्यभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। लोग सरकार से सख्त कानून बनाने की मांग करने लगे, ताकि इस तरह के अपराधों पर काबू पाया जा सके। राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठे और पुलिस की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लगे। यह घटना उस समय सामने आई, जब देशभर में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर चर्चा हो रही थी, जिससे इसे और भी संवेदनशील बना दिया।
2. वायनाड भूस्खलन
30 जुलाई को केरल के वायनाड जिले में एक भीषण भूस्खलन हुआ, जिसने कई किलोमीटर के इलाके को तबाह कर दिया। इस त्रासदी में 231 से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हुई, जबकि अन्य रिपोर्टों में मरने वालों की संख्या 420 से अधिक बताई गई। यह घटना मानसून के दौरान आई, और इसका असर इतना बड़ा था कि कई गांव पूरी तरह से बर्बाद हो गए। भारी बारिश और भूस्खलन के कारण बचाव कार्य भी मुश्किल हो गया। इस दुर्घटना में लगभग 1200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और केरल सरकार ने पीड़ितों के लिए राहत उपायों की घोषणा की। यह घटना जलवायु परिवर्तन के असर को भी उजागर करती है, जिससे पर्यावरणीय संकट और बढ़ते हैं।
3. कर्नाटक का हैरान करने वाला मर्डर
2024 का एक और चौंकाने वाला मामला कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से सामने आया। यहां एक युवक ने अपनी प्रेमिका महालक्ष्मी की हत्या कर उसके शरीर के 59 टुकड़े किए और उन्हें फ्रिज में रख दिया। आरोपी ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि उसने यह हत्या इसलिए की, क्योंकि वह अपनी प्रेमिका के व्यवहार से परेशान था। यह एक ऐसा अपराध था, जिसने न केवल कर्नाटक बल्कि पूरे देश को हैरान कर दिया। इस घटना के बाद महिला सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर नए सिरे से बहस छिड़ी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और मामले की जांच शुरू की, लेकिन इस घटना ने रिश्तों और मानसिक तनाव से जुड़ी समस्याओं को सामने लाया।
4. तिरुपति लड्डू विवाद
18 सितंबर को तिरुपति मंदिर के प्रसाद लड्डू में जानवरों की चर्बी मिलाए जाने का विवाद सामने आया। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया कि मंदिर के प्रसाद में चर्बी का उपयोग किया जा रहा है। इस आरोप ने तिरुपति मंदिर प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर दिया और मंदिर के प्रसाद के पवित्रता को लेकर सवाल उठने लगे। यह विवाद तब बढ़ा जब अन्य धार्मिक नेताओं और भक्तों ने इस आरोप को चुनौती दी। इस मुद्दे ने एक बड़ा धार्मिक और राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया, जो पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गया।
5. रियासी आतंकी हमला
9 जून को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के पौनी इलाके में आतंकवादियों ने एक बस पर हमला किया। बस शिव खोरी से कटरा जा रही थी, तभी आतंकवादियों ने उस पर गोलीबारी की। इसके बाद बस खाई में गिर गई, जिससे 9 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। इस हमले ने कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति को लेकर सवाल उठाए और पूरे राज्य में आतंकवादियों द्वारा किए जा रहे हमलों के खिलाफ आक्रोश पैदा किया। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के हमलों की बढ़ती संख्या ने सुरक्षा एजेंसियों को और अधिक सतर्क कर दिया।
6. हाथरस भगदड़ कांड
उत्तर प्रदेश के हाथरस में 2 जुलाई को एक धार्मिक सत्संग के बाद भगदड़ मच गई, जिसमें 123 लोगों की मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब हजारों लोग एकत्रित हुए थे और पुलिस एवं प्रशासन की ओर से कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई थी। भगदड़ मचने से लोग दबकर मारे गए, और इस हादसे ने सुरक्षा व्यवस्थाओं के खिलाफ सवाल खड़े कर दिए। धार्मिक आयोजनों में भारी भीड़ के दौरान सुरक्षा इंतजामों की कमी ने प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया। घटना के बाद आयोजक को गिरफ्तार किया गया और कई बड़े सवाल प्रशासन की कार्यशैली पर उठे।
7. इतिहास का सबसे गर्म साल
2024 को अब तक का सबसे गर्म साल माना गया है। जलवायु परिवर्तन के कारण वैश्विक तापमान में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है, और भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। देश में जुलाई और अगस्त के महीने में भीषण गर्मी पाई गई, जिसने लोगों के जीवन को कठिन बना दिया। तापमान की वृद्धि के कारण जल संकट और सूखा जैसी समस्याएं सामने आईं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि यदि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को रोकने के लिए तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में और भी गंभीर परिणाम हो सकते हैं।