देश में 2025 तक टीबी मुक्त होने का था लक्ष्य, पर हकीकत इससे काफी दूर… 2022 में 13% बढ़े मामले…
इम्पैक्ट डेस्क.
ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) एक घातक रोग है जिसके कारण हर साल दुनियाभर में लाखों लोगों की मौत हो जाती है। एक आंकड़े के मुताबिक साल 2021 में टीबी से कुल 1.6 मिलियन (16 लाख) लोगों की मृत्यु हुई, दुनिया भर में टीबी मौत का 13वां प्रमुख कारण है। भारत ने 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य बनाया था, हालांकि आंकड़े बताते हैं कि वास्तविक स्थिति, निर्धारित लक्ष्य से काफी दूर है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने तपेदिक (टीबी) को दुनिया के सबसे घातक संक्रामक रोगों में रखा है। साल 2022 में भारत में दर्ज किए गए टीबी के कुल मामलों की संख्या 21.42 लाख थी, जिनमें से अकेले तेलंगाना में 72,878 मामले दर्ज किए गए। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर बात करें तो देश में साल 2022 में टीबी के कुल मामलों में 13 फीसदी की वृद्धि हुई है। इन आंकड़ों ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं।
तपेदिक के मामलों में 13 प्रतिशत बढ़े
शुक्रवार को जारी टीबी की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 2021 की तुलना में 2022 में तपेदिक के मामलों में 13 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। रिपोर्ट के अनुसार 2020 और 2021 में टीबी के मामलों में कुछ गिरावट के बावजूद अगले वर्ष इसमें इजाफा देखा गया है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीबी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और फेफड़ों को प्रभावित करने वाली इस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए टीबी-मुक्त पंचायत पहल भी शुरू की है।
दिल्ली में रिपोर्ट हुए सबसे अधिक केस
साल 2022 में टीबी के सबसे अधिक मामले दिल्ली (प्रति एक लाख जनसंख्या पर 546) और सबसे कम केरल ( प्रति लाख जनसंख्या पर 67) में रिपोर्ट हुए। कुल मामलों में, लगभग 39% महिलाएं, 5.6% बच्चे (14 वर्ष से कम या उसके बराबर) जबकि 55 वर्ष या उससे अधिक वाले लोगों में यह आंकड़ा 23.6% था।
असम ने किया बेहतर प्रदर्शन
वहीं दूसरी तरफ राज्य में तपेदिक (टीबी) को खत्म करने की प्रतिबद्धता को बढ़ावा देने के लिए असम के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को केंद्र सरकार द्वारा सम्मानित किया गया है। असम ने राष्ट्रीय तपेदिक उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत दो जिलों में टीबी के मामलों में कमी लाने में सफलता पाई है।
बोंगाईगांव जिले को टीबी के मामलों में 40 प्रतिशत की कमी के लिए रजत जबकि कोकराझार जिले को 20 प्रतिशत की कमी के लिए कांस्य पदक से सम्मानित किया गया।
रोकथाम के लिए करें उपाय
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को देश को टीबी मुक्त बनाने में मदद करने की आवश्यकता है। टीबी का संक्रमण खांसने-छींकने से निकलने वाली बूंदों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। टीबी के लक्षणों में हल्का बुखार, रात को पसीना आना, वजन कम होना, भूख न लगना, सांस लेने में तकलीफ और सीने में दर्द शामिल हैं। संक्रमण से बचाव, लक्षण नजर आते ही जांच और उपचार देश से इस गंभीर बीमारी को खत्म करने के लिए आवश्यक है।
नोट : यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।