Madhya Pradesh

प्रदेश में स्वरोजगार के लिए पूंजी की व्यवस्था कराने वाले वित्त विकास निगमों का स्वरूप बदला जाएगा, तीन अलग-अलग निगमों को एक किया जाएगा

भोपाल
 मध्य प्रदेश की डॉ मोहन यादव सरकार एक बड़ा फैसला लेने जा रही है। इसके तहत प्रदेश में अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग के युवाओं को बहुत सुविधाएं मिलेगी। अब उनको स्वरोजगार के लिए पूंजी की व्यवस्था कराने वाले वित्त विकास निगमों का स्वरूप बदला जाएगा। तीन अलग-अलग निगमों को एक किया जाएगा।

दरअसल, सरकार का मानना है कि तीनों निगमों का काम एक ही है। तीनों बैंकों को अभ्यर्थियों के आवेदन आगे बढ़ाते करते हैं और ग्रांट देते हैं। पिछले दिनों मुख्य सचिव वीरा राणा की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस संबंध में कार्ययोजना तैयार करने का निर्णय लिया गया है। अब अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित की जा रही है।

एस एसटी को मिलेगा रोजगार

प्रदेश में अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग के युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने और उनकी आर्थिक तौर पर मदद करने के लिए सरकार ने आर्थिक कल्याण योजना लागू की हैं।

स्वरोजगार के लिए दे रही 50 लाख का लोन

सरकार की इस स्वरोजगार योजना में 50 लाख रुपये तक लोन दिलाया जाता है। इस राशि पर लगने वाले ब्याज का आधे से अधिक भार सरकार अनुदान के रूप में उठाती है। तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस व्यवस्था को और अच्छा बनाने के लिए मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना लागू की थी। आपको बता दें कि अनुसूचित जाति-जनजाति वित्त विकास निगम द्वारा दो प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज अनुदान दिया जाता है।
आसानी से मिल पाएगा लोन

पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार से कम ब्याज दर पर लंबी अवधि के लिए राशि मिल जाती है। केंद्र सरकार की विभिन्न योजना के माध्यम से वैसे ही राशि दिलाई जा रही है। अगर बदलाव किया जाता है तो अलग-अलग के स्थान पर एक व्यवस्था होने से अधिक लाभ दिलाया जा सकता है। इससे स्थापना व्यय भी घटेगा और निगरानी करना भी आसान होगा।

आपको बता दें कि डॉ मोहन यादव सरकार ने बजट में मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना अधिक प्रभावी और व्यापक बनाने की घोषणा की है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग इसकी तैयारी कर रहा है। मुख्यमंत्री खुद इस केंद्रीकृत व्यवस्था को जल्द से जल्द लागू करने के पक्ष में हैं।