Madhya Pradesh

संविधान के संरक्षक भारत के लोग : राज्यपाल श्री पटेल

संविधान के संरक्षक भारत के लोग : राज्यपाल श्री पटेल

संविधान दिवस पर अपने सभी कार्यों में संवैधानिक नैतिकता के पालन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को सत्यनिष्ठा के साथ दोहराएं-  : राज्यपाल श्री पटेल

राज्यपाल ने किया आव्हान, संवैधानिक नैतिकता के साथ कार्यों का करे पालन

राज्यपाल, संविधान प्रस्तावना के सामूहिक वाचन कार्यक्रम में हुए शामिल

भोपाल

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने संविधान के अंगीकरण के 75 साल पूरे होने के अवसर पर प्रदेशवासियों का आवाहन किया है कि संविधान दिवस पर अपने सभी कार्यों में संवैधानिक नैतिकता के पालन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को सत्यनिष्ठा के साथ दोहराएं। संकल्प करे कि नागरिक अपने आचरण और व्यवहार से संविधान से प्राप्त अधिकारों और सौंपे गए कर्तव्यों के पालन के लिए जन जागरूकता को बढ़ाने में सक्रिय योगदान देंगे।

राज्यपाल श्री पटेल राज्य शासन द्वारा आयोजित संविधान प्रस्तावना के सामूहिक वाचन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में राजनेताओं, अधिकारियों और नागरिकों को हंस ध्वनि सभागार, रवीन्द्र भवन में संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल श्री पटेल ने कार्यक्रम में सहभागी जनों को संविधान प्रस्तावना का सामूहिक वाचन कराया। इस अवसर पर भारत सरकार द्वारा निर्मित वृत्त चित्र ग्लोरी ऑफ कंस्टीटूशन और प्रदेश के संसदीय कार्य विभाग द्वारा तैयार की गई लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि संविधान हम भारतीयों के लिए प्रेरणादायक जीवंत दस्तावेज और स्वतंत्र भारत का आधुनिक धर्मग्रंथ है, जो हम सबका मार्गदर्शक है। संविधान को देश के हर नागरिक ने अंगीकृत किया है, इसलिए संविधान के वास्तविक संरक्षक, हम भारत के लोग ही है। उन्होंने कहा कि संविधान किसी एक का नहीं, बल्कि सभी का संरक्षक है। इसलिए उसके संरक्षण और संवर्धन की जिम्मेदारी भी हम सभी की है। संविधान, जहॉ एक ओर नागरिकों को सशक्त करता है, वही दूसरी ओर नागरिक भी अपने आचरण, व्यवहार से संविधान का समर्थन और संरक्षण करते है। इसलिए जरूरी है कि देश का प्रत्येक नागरिक समर्पित भाव से संविधान के उद्देश्यों, महत्व को समझे और समुचित पालन के द्वारा संविधान के प्रति अपने सम्मान का प्रदर्शन करे। देश के हर वर्ग, हर समुदाय और हर नागरिक का अपने अधिकारों और कर्तव्यों के अनुपालन के लिए सजग और सक्रिय रहना आवश्यक है।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होने का दिन हम सब भारतीयों के लिए गर्व और विश्वव्यापी मूल्यों की समझ का अवसर और उत्सव है। इस महत्वपूर्ण प्रसंग को "हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान" अभियान के रूप में मनाया जा रहा है। जरूरी है कि संविधान निर्माताओं द्वारा स्वतंत्र, लोकतांत्रिक और आत्म-निर्भर राष्ट्र निर्माण के लिए किए गए लम्बे संघर्ष और त्याग के बारे में भावी पीढ़ी को परिचित कराया जाए। संविधान दिवस को केवल शासन और राजनैतिक दलों का उत्सव नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माताओं के योगदान के प्रति आभार के उत्सव के रूप में मनाया जाए। हम सबका दायित्व है कि संविधान के अनुसार जाति, धर्म, लिंग, भाषा इत्यादि के आधार पर भेदभाव किए बिना, एक सशक्त और समावेशी समाज बनाने में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे।

राज्यपाल श्री पटेल ने संविधान दिवस के पावन प्रसंग पर भारतीय संविधान के शिल्पकार बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और संविधान सभा के सभी महान व्यक्तित्वों का पुण्य स्मरण किया। उन्हंत नमन करते हुए कहा कि उनकी अद्भुत दूरदृष्टि और प्रयासों ने हमें एक ऐसा संविधान दिया है, जो सभी नागरिकों को समानता, स्वतंत्रता और न्याय प्रदान करता है। इसके लिए हम सब उनके प्रति कृतज्ञ है। उन्होंने सभी प्रदेशवासियों को संविधान दिवस की हार्दिक बधाई दी।

संविधान, हमारे देश की आत्मा का प्रतिबिम्ब है : उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि हमारा संविधान कानूनों का संग्रह नहीं, हमारे देश की आत्मा का प्रतिबिम्ब है। "हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान" अभियान की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि संविधान ने हमें स्वाधीन जीवन जीने का अधिकार देने के साथ ही स्वतंत्रता की सीमा भी बताई है। श्री देवड़ा कहा कि हम सब सौभाग्यशाली है कि हमारे पास ऐसा संविधान है जो सभी को समानता, स्वतंत्रता और न्याय उपलब्ध कराता है। उन्होंने संविधान के निर्माता विभूतियों डॉ अम्बेडकर के चरणों में नमन करते हुए कहा कि संविधान के मूल्यों से भावी पीढ़ी को परिचित कराना, हम सबका दायित्व है।

26 नवम्बर संविधान को अंगीकृत करने का स्वर्णिय दिन है: मुख्य सचिव श्री जैन

मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने कहा कि भारतीय इतिहास में संविधान को अंगीकृत करने का स्वर्णिम दिवस 26 नवंबर का दिन है। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं के लगभग 3 वर्षों की कड़ी मेहनत से तैयार संविधान युगीन भावनाओं को प्रतिबिम्बित करने वाला सुदृढ़ जीवंत दस्तावेज है। हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था का आधार है। उन्होंने संविधान सभा के सदस्यों और बाबा साहेब अम्बेडकर का स्मरण करते हुए, उन्हें नमन किया।

राज्यपाल श्री पटेल सहित अतिथियों ने दीप प्रज्ज्विलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। अतिथियों का स्वागत पुष्प-गुच्छ भेंट कर किया गया। इस अवसर पर पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण विभाग की राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार श्रीमती कृष्णा गौर, विधायक द्वय श्री रामेश्वर शर्मा, श्री भगवान दास सबनानी और अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन श्री के.सी. गुप्ता मंचासीन थे।

विदेश में सीएस ने बताया था भारतीय संविधान का महत्व सीएस अनुराग जैन ने कहा- मेरा व्यक्तिगत रूप से मानना है कि हमारा जीवित लोकतंत्र है उसका एक प्रमुख आधार संविधान है मुझे एक इंटरनेशनल लीडर्स प्रोग्राम में मेरा चयन हुआ था उसमें 25 देश के प्रत्येक ही आए थे और हर देश के प्रतिनिधि को यह बताना था कि आपके देश की सबसे बड़ी ताकत क्या है मैं वहां अपने संविधान की मोटी बात बात कर कहा था कि हमारे देश का लोकतंत्र यदि इतना सुदृढ़ है तो इसका प्रमुख आधार हमारा संविधान है।

भारतीय संविधान फ्लेक्सिबल, अब तक 100 संशोधन हो चुके मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा- यह संविधान फ्लेक्सिबल है जिसमें 100 से अधिक संशोधन हो चुके हैं। जिसका परिणाम यह है कि बदलते समय के साथ हमारा संविधान कदमताल कर देश की गवर्नेंस व्यवस्था को सुचारु रूप से चला रहा है। हम देखें तो त्रिस्तरीय व्यवस्था 73 में 74 में संशोधन के साथ जमीन पर उतारी गई। जिससे लोगों की जन भागीदारी का प्रतिबिंब बन रहा है। आज के कार्यक्रम में ग्लोरी आफ कांस्टिट्यूशन फिल्म भी दिखाई जाएगी। पूरे प्रदेश के हर जिले में इसका दिखाया जाएगा एक फिल्म हमारे पार्लियामेंट्री अफेयर्स डिपार्टमेंट में बनाई है जिसमें हमारे प्रदेश के जितने लोगों का संविधान सभा में योगदान रहा है उनके बारे में भी इस फिल्म में दिखाया जाएगा।

संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होने पर पदयात्रा

संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में भोपाल में शाम को शौर्य स्मारक से “संविधान दिवस पदयात्रा” निकाली जाएगी। इस आयोजन में लगभग 3000 युवा भाग लेंगे। खेल और युवा कल्याण विभाग के तत्वावधान में आयोजित इस पदयात्रा में शिक्षा विभाग, राष्ट्रीय सेवा योजना और नेहरू युवा केंद्र जैसे संगठनों की भागीदारी होगी।

संविधान दिवस के अवसर पर देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानियों में पदयात्रा का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम को चार चरणों में विभाजित किया गया है:

    प्रथम चरण – विकसित भारत पर ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी।
    द्वितीय चरण – निबंध और ब्लॉग लेखन।
    तृतीय चरण – विकसित भारत विज़न पिच डेक की राज्य स्तरीय प्रस्तुतियां।
    चतुर्थ चरण – भारत मंडपम में राष्ट्रीय चैम्पियनशिप।

युवा उत्सव की विस्तृत योजनाबद्ध गतिविधियां और कार्यक्रम "माय भारत" पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे। साथ ही प्रतिभागियों का पंजीयन भी पोर्टल पर करना अनिवार्य होगा।

यंग लीडर डायलॉग के विजेता को मिलेगा पीएम मोदी से संवाद का मौका

"विकसित भारत यंग लीडर डायलॉग" के तहत प्रदेश में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। इस कार्यक्रम में चयनित युवाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधे संवाद का अवसर मिलेगा। युवा महोत्सव 2025 के तहत युवाओं की प्रतिभा को मंच देने के उद्देश्य से जिला और राज्य स्तर पर आयोजन होंगे।

प्रधानमंत्री मोदी का सपना है कि भारत 2047 तक विश्व के विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में अग्रणी हो। इसी दिशा में युवाओं को प्रेरित करने के लिए "संविधान दिवस", "विकसित भारत यंग लीडर डायलॉग" और "युवा महोत्सव" जैसे कार्यक्रम मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।

साल भर चलेगा उत्सव

भारत सरकार के निर्देशानुसार, संविधान लागू होने के 75 वर्ष पूर्ण होने के महत्व को देखते हुए वर्षभर चलने वाले उत्सव को "हमारा संविधान – हमारा स्वाभिमान" अभियान के अंतर्गत आयोजित किया जाएगा।

"संविधान दिवस" के उपलक्ष्य में नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यक्रम आयोजित होंगे। प्रदेश के सभी शासकीय कार्यालयों, विद्यालयों, महाविद्यालयों, संस्थाओं, स्वशासी संस्थाओं और सार्वजनिक उपक्रमों में आज कार्यक्रम होंगे।

संविधान दिवस पर भारतीय संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन भी किया जाएगा। इसमें सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के साथ आम नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। सहभागी सामूहिक वाचन की तस्वीरें (सेल्फी अथवा अन्य फोटो) पोर्टल पर अपलोड की जा सकती हैं।

तस्वीर अपलोड करने के बाद वेबसाइट पर एक प्रमाण-पत्र तैयार होगा, जिसे डाउनलोड कर सोशल मीडिया पर साझा किया जा सकता है।