लोकसभा चुनाव में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक रही: निर्वाचन आयोग
नई दिल्ली
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनाव में 64.64 करोड़ मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया और इन मतदाताओं में महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक रही।
निर्वाचन आयोग ने कहा कि महिला मतदाताओं का मतदान प्रतिशत 65.78 रहा जबकि पुरुष मतदाताओं का मतदान प्रतिशत 65.55 था।
आयोग ने कहा कि इस बार चुनाव लड़ने वाली महिला उम्मीदवारों की संख्या 800 रही जबकि 2019 के चुनावों में यह संख्या 726 थी।
निर्वाचन आयोग ने कहा, ‘‘स्वतः संज्ञान लेकर की गई इस पहल का मकसद जनता का विश्वास बढ़ाना है, जो भारत की चुनावी प्रणाली का आधार है।’’
ये आंकड़े इन आरोपों की पृष्ठभूमि में जारी किए गए हैं कि लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान के आंकड़ों में हेराफेरी की गई थी।
ये आंकड़े चार विधानसभा चुनावों – अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम से भी संबंधित हैं।
निर्वाचन आयोग ने बताया कि 2019 में 540 की तुलना में कुल 10.52 लाख मतदान केंद्रों में से 40 मतदान केंद्रों या 0.0038 प्रतिशत केंद्रों पर पुनर्मतदान किया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक इस चुनाव में महिला मतदाताओं ने अपनी उपस्थिति और भागीदारी से लोकतंत्र को नई ऊंचाई दी, जो महिलाओं के मताधिकार के नए मानक का संकेत है। महिला मतदाताओं का मतदान औसत 65.78 प्रतिशत रहा जबकि पुरुष मतदाताओं का यह औसत 65.55 प्रतिशत था। महिला उम्मीदवारों की संख्या 800 थी जबकि 2019 में यह संख्या 726 थी। 2019 की तुलना में थर्ड-जेंडर मतदाताओं में 46.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2024 में जहां 90,28,696 पंजीकृत दिव्यांग मतदाता रहे वहीं 2019 में यह संख्या 61,67,482 थी। वर्ष 2019 में 540 मतदान केंद्रों की तुलना में वर्ष 2024 में केवल 40 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान हुआ।
दरअसल, भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 पर 42 सांख्यिकीय रिपोर्ट और एक साथ कराए गए चार राज्य विधानसभा चुनावों पर 14-14 रिपोर्टें जारी की हैं। आयोग का कहना है कि ये लगभग 100 सांख्यिकीय रिपोर्ट गहन विश्लेषण और नीतिगत अंतर्दृष्टि के लिए दुनिया भर के शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और चुनाव पर्यवेक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण खजाने की तरह होंगी।
आयोग के अनुसार इस रिपोर्ट में उपलब्ध डेटा सेट संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों और राज्यवार मतदाताओं, मतदान केंद्रों की संख्या, राज्य तथा संसदीय निर्वाचन क्षेत्रवार मतदाता मतदान, पार्टी के आधार पर वोट शेयर, लिंग आधारित मतदान व्यवहार, महिला मतदाताओं की राज्यवार भागीदारी, क्षेत्रीय विविधताएं, निर्वाचन क्षेत्र डेटा सारांश रिपोर्ट, राष्ट्रीय पार्टियों, राज्य स्तरीय पार्टियों, पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल (आरयूपीपी) का प्रदर्शन, जीतने वाले उम्मीदवारों का विश्लेषण, निर्वाचन क्षेत्रवार विस्तृत परिणाम और बहुत कुछ का विवरण प्रदान करते हैं। यह विस्तृत डेटा सेट हितधारकों को भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर पहले से उपलब्ध पिछले चुनावों के डेटा सेट से तुलना के साथ बारीक स्तर के विश्लेषण के लिए डेटा को काटने-छांटने का अधिकार देता है। आयोग का कहना है कि ये रिपोर्ट चुनावी और राजनीतिक परिदृश्य में दीर्घकालिक दृष्टिकोण और बदलावों को ट्रैक करने के लिए समय-शृंखला विश्लेषण की सुविधा प्रदान करेगी।