अग्निपथ योजना का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा… अगले सप्ताह होगी सुनवाई…
इम्पैक्ट डेस्क.
केंद्र सरकार द्वारा सेना भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना के खिलाफ आंदोलन ठंडा पड़ने के बाद वकील एम एल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इस योजना के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट राजी भी हो गया है। इस मामले में सुनवाई अब अगले सप्ताह होगी। वहीं दायर याचिका में कहा गया है कि दो साल से वायुसेना में नियुक्ति का इंतजार कर रहे लोगों को आशंका है कि उनका 20 साल का करियर चार साल में सिमट जाएगा। इस याचिका में आगे कहा गया है कि साल 2017 में 70 हजार से अधिक छात्रों को ट्रेनिंग दी गई। ट्रेनिंग के बाद छात्रों को आश्वासन दिया गया कि नियुक्ति पत्र राजी किया जाएगा लेकिन अब इस योजना के लाए जाने के बाद से इनका करियर दांव पर है। वहीं वकीलों की दलील सुनने के बाद शीर्ष अदालत(Supreme Court) की बेंच सुनवाई के लिए तैयार हो गई। बेंच ने कहा कि याचिका को अगले सप्ताह सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
तीनों सेनाओं में भर्ती प्रक्रिया जारी
बता दें कि तीनों सेनाओं में भर्ती प्रक्रिया जारी है। थलसेना में भर्ती प्रक्रिया जहां 1 जुलाई से शुरू हो गई वहीं वायुसेना में इससे पहले 24 जून जबकि नौसेना में 25 जून से शुरू हो गई। इस भर्ती में 17.5 वर्ष से 21 वर्ष तक के उम्मीदवार शामिल हो सकेंगे। हालांकि, इस साल के लिए आयु सीमा बढ़ाकर 23 साल कर दी गई है। यह भर्ती चार सालों के लिए होगी। इसके बाद परफॉर्मेंस के आधार पर 25 फीसदी कर्मियों को वापस से रेगुलर कैडर के लिए नामांकित किया जाएगा। बता दें कि उम्मीदवारों को सशस्त्र बलों में आगे नामांकन के लिए चुने जाने का कोई अधिकार नहीं होगा। चयन सरकार का अनन्य क्षेत्राधिकार होगा। मेडिकल ट्रेडमैन को छोड़कर भारतीय वायु सेना के नियमित कैडर में एयरमैन के रूप में नामांकन केवल उन्हीं कर्मियों को दिया जाएगा, जिन्होंने अग्निवीर के रूप में अपनी सेवा की अवधि पूरी कर ली है।
सेवानिधि पैकेज क्या है?
हर अग्निवीर को भर्ती के साल 30 हजार महीने तनख्वाह मिलेगी। इसमें से 70 फीसदी यानी 21 हजार रुपये उसे दिए जाएंगे। बाकी 30 फीसदी यानी नौ हजार रुपये अग्निवीर कॉर्प्स फंड में जमा होंगे। इस फंड में इतनी ही राशि सरकार भी डालेगी। दूसरे साल अग्निवीर की तनख्वाह बढ़कर 33 हजार, तीसरे साल 36.5 हजार तो चौथे साल 40 हजार रुपये हो जाएगी। चार साल में उसकी कुल बचत करीब 5.02 लाख रुपये होगी। वहीं सरकार की ओर से भी इतनी ही रकम जमा की जाएगी। नौकरी पूरी होने के बाद उसे ये रकम ब्याज सहित मिलेगी। जो करीब 11.71 लाख रुपये होगी। ये रकम टैक्स फ्री होगी।
सेवा के दौरान शहीद होने या दिव्यांग होने पर आर्थिक मदद का प्रावधान भी है। अगर कोई अग्निवीर देश सेवा के दौरान शहीद हो जाता है तो उसे सेवा निधि समेत एक करोड़ से ज्यादा की राशि ब्याज समेत दी जाएगी। इसके अलावा बची हुई नौकरी का वेतन भी दिया जाएगा। अगर कोई जवान ड्यूटी के दौरान डिसेबिल यानी दिव्यांग हो जाता है तो उसे 44 लाख रुपये तक की राशि दी जाएगी और बची हुई नौकरी का भी वेतन दिया जाएगा। चार साल की नौकरी के बाद युवाओं को सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा। जो 11.71 लाख रुपए होगा।