शिक्षकों के साझा मंच ने कहा : राज्य सरकार को मोदी की गारंटी पर भरोसा नहीं… दो शिक्षक एक स्कूल में कैसे गुणवत्ता लाएंगे सरकार बताये
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विभिन्न शिक्षक संगठनों मिलकर विसंगतियुक्त युक्तियुक्तकरण और नये स्कूल सेटअप के खिलाफ खोला मोर्चा, अनिश्चितकालीन आंदोलन की दी चेतावनी
इम्पेक्ट न्यूज। रायपुर/जगदलपुर।
राज्य सरकार द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग में विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्तकरण और नये सेटअप लागु करने के विरोध में प्रदेश भर के शिक्षक संगठनों ने कड़ा विरोध दर्ज करते हुए राजधानी रायपुर में हल्ला बोला तथा इसके विरोध में प्रदेश सहित बस्तर जिले के सभी सातों विकास खंडो से सैकड़ों शिक्षकों ने प्रदर्शन में शामिल होकर कड़ा विरोध प्रदर्शन किया। मांगे नहीं मानने पर शाला प्रवेश उत्सव का बहिष्कार करते हुए अनिश्चितकालीन आंदोलन में जाने की चेतावनी दी है।
इस दौरान शिक्षक नेताओं ने कहा कि प्रदेशभर के शासकीय शाला को विसंगति युक्त युक्तियुक्तकरण के तहत सुनियोजित ढंग से निजीकरण की ओर ले जा रही है। शासन द्वारा योजनाबद्ध तरिके से साढ़े दस हजार से अधिक स्कूलों को बंद कर व करीब 44 हजार सहायक शिक्षक, शिक्षक, व्याख्याता और प्रधान अध्यापक के पदों को खत्म कर रही है। शासन सरकारी स्कूलों को बंद करके निजी स्कूलों को बढ़ावा देने का काम कर रही है। इसका सीधा असर गरीब परिवार के बच्चों पर पढ़ेगा, जो कि शिक्षा से विमुख हो जायेंगे।
शिक्षक नेताओं में कहा कि हमारा विरोध मूलरूप से युक्तियुक्तकरण का नहीं है, बल्कि नये सेटअप का है। इसके तहत स्कूलों में शिक्षकों कि संख्या को कम कर दीं गई है। स्कूलो ने शिक्षक चौकीदारी के लिये नहीं अपितु अध्यापन के लिये नियुक्त कीजिये। शासन से पूछा कि सरकार बताये कि एक सहायक शिक्षक और एक प्रधान अध्यापक प्राथमिक शाला के पाँच कक्षा और 18 पीरियड को किस प्रकार से पढ़ाएंगे? वही शिक्षकों को आये दिन गैर शिक्षकीय कार्यों में लिप्त कर उन्हें शिक्षकीय कार्य से विमुख कर दिया जाता है।
शिक्षक साझा मंच से संबोधित करते हुए शिक्षक नेताओं ने कहा कि चुनाव के पहले वर्तमान राज्य की सरकार अपने चुनावी घोषणा पत्र में शिक्षकों की भर्ती करने, समयमान-क्रमोन्नति वेतनमान देने, देय तिथि से डीए देने, वेतन विसंगति दूर करने, नये स्कूल खोलने के लिये मोदी की गारंटी के नाम से संकल्प करती है, और चुनाव जीतने के बाद इनके द्वारा घोषणा के उलट में स्कूलों को बंद करने और युक्तियुक्तकरण के नाम से शिक्षकों को परेशान करने का काम करती है, इससे ऐसा स्पस्ट होता है की स्वयं प्रदेश की सरकार को मोदी की गारंटी पर भरोसा नहीं है।
इन्ही मांगो को लेकर प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने रायपुर तुता मैदान से मंत्रालय का घेराव करने रैली की शक्ल में निकलकर ज्ञापन सौंपा गया। साथ ही यह भी चेतावनी दी कि उपरोक्त मांगे पूरी नहीं होने पर शाला प्रवेश उत्सव का बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने मजबूर होंगे।
इस दौरान विरोध प्रदर्शन में बस्तर जिले से अमित पाल, बुधराम कश्यप, लुदरसन कश्यप, देवराज खूंटे, तुलादास मानिकपुरी, मनीष ठाकुर, मनीष अहीर, नीलमणी साहू, मंगलराम कश्यप, मनोहर सिंह बरनाला, शिवराम कश्यप, अरविन्द सिंह, नवीन प्रकाश साहू, गणेश नायक, एस एस जान, भुनेश नेताम, शत्रुघन कश्यप, पुरुषोत्तम मौर्य, प्रकाश सारथी, रामप्रसाद, भुवनेश्वर नाग, पवन बहादुर, वीरेंद्र मौर्य, मोहन कुदराम, लक्ष्मीनारायण कश्यप, नेउर लाल कश्यप, अमित पॉल, पांडेराम कश्यप, अमित अवस्थी
भुनेश्वर कश्यप, बलिराम सहित विभिन्न संगठनों के सैकड़ों शिक्षक शामिल हुए।