प्रदेश में दो वर्ष से तबादलों पर लगे प्रतिबंध को सरकार अभी पूरी तरह से नहीं हटाएगी, हो सकता है बदलाव
भोपाल
प्रदेश में दो वर्ष से तबादलों पर लगे प्रतिबंध को सरकार अभी पूरी तरह से नहीं हटाएगी। मंत्रियों को जिले के भीतर और विभाग में सीमित तबादले करने का अधिकार अवश्य दिया जा सकता है। दरअसल, अभी जितने भी तबादले हो रहे हैं, उसके लिए प्रस्ताव मुख्यमंत्री समन्वय में भेजने पड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री की व्यस्तता के कारण प्रस्ताव काफी दिनों तक लंबित रह जाते हैं। इसका असर कामकाज पर पड़ रहा है। उधर, मुख्य सचिव अनुराग जैन ने भी तबादले के लिए पहुंची अधिकतर फाइलें वापस लौटा दी हैं।
तत्कालीन शिवराज सरकार ने वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए तबादलों पर प्रतिबंध नहीं हटाया था। चुनाव के बाद मोहन सरकार ने भी इसे जारी रखा। लोकसभा चुनाव के बाद संभावना थी कि कुछ समय के लिए प्रतिबंध हटा दिया जाएगा पर इस बारे में निर्णय लगातार टलता रहा। मंत्रियों ने पिछले दिनों अनौपचारिक चर्चा में मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव से तबादला नीति जारी करने की बात कही तो उन्होंने दीपावली के बाद देखने का आश्वासन दिया था।
सूत्रों का कहना है कि सामान्य प्रशासन विभाग ने तबादला नीति का प्रारूप तैयार करके रखा है। मुख्यमंत्री की हरी झंडी मिलते ही इसे जारी कर दिया जाएगा। चूंकि, अब परीक्षाओं का समय आ गया है, इसलिए बड़ी संख्या में तबादले करने के पक्ष में कोई नहीं है। उसके बाद भी विभागों में प्रशासनिक व्यवस्था बनाने के लिए मंत्रियों को तबादले करने के कुछ अधिकार दिए जा सकते हैं।
विधानसभा सत्र के पहले दिए जा सकते हैं अधिकार
लोक निर्माण विभाग के कुछ कार्यपालन यंत्री अगले माह सेवानिवृत्त हो रहे हैं, तो कुछ को एक स्थान पर पदस्थ रहते लंबा समय हो गया है। सांसद और विधायकों ने भी कुछ अधिकारियों के स्थानांतरण के प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय को दिए हैं। इन सभी स्थितियों को देखते हुए मंत्रियों को सीमित संख्या में तबादले करने के अधिकार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिए जा सकते हैं।