सरकार ने लिया ये एक्शन, उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों से दिल्ली की यात्रा में नहीं होगी परेशानी
उत्तराखंड
दिल्ली में परिवहन निगम की बसों पर लगे प्रतिबंध और आम लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए सरकार तुंरत एक्शन में आ गई है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एक्शन लेते हुए सचिव परिवहन को 175 बसों के खरीद के प्रस्ताव के निर्णय पर उचित स्तर पर वार्ता के निर्देश दिए हैं। यूटीसी को तत्काल शॉर्ट टर्म एक्शन प्लान पर कार्य करते हुए दिल्ली के लिए रोडवेज बसों के फेरे बढ़ाने, विशेषकर वीकेंड पर बसों की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने के भी सीएस ने निर्देश दिए हैं। सीएस ने रोडवेज को मिली 30 नई बसों के शीघ्र संचालन के निर्देश दिए हैं।
फौरी राहत देने के लिए यूटीसी की बसों का संचालन गाजियाबाद में मोहन नगर के साथ ही कौशाम्बी तक करने के लिए उत्तर प्रदेश से समन्वय करने को भी कहा है। उत्तराखण्ड परिवहन निगम की पुराने मॉडल की डीजल बसों पर दिल्ली पर लगे प्रतिबन्ध से आमजन की असुविधा के तत्काल समाधान को लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने यूटीसी को तत्काल शॉर्ट टर्म एक्शन प्लान पर कार्य करते हुए दिल्ली के लिए रोडवेज बसों के फेरे बढ़ाने, विशेषकर वीकेंड पर बसों की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसके लिए यूपी से भी समन्वय हेतु निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने सचिव परिवहन को 175 बसों के खरीद के प्रस्ताव के निर्णय पर उचित स्तर पर आज ही वार्ता हेतु निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीएस ने निर्देश दिए हैं कि जिन 100 सीएनजी बसों की खरीद की टेण्डर प्रक्रिया पूरी हो चुकी हैं तथा 30 बसें प्राप्त हो चुकी हैं, उनका संचालन शीघ्र शुरू किया जाए। प्रदूषण नियंत्रण के मानक पूरा करने वाली बसें सीधा दिल्ली में प्रवेश करेगी। सामान्य बसें दिल्ली सीमा मोहन नगर व कौशाम्बी तक जा सकेगी। बैठक में उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने जानकारी दी कि दिल्ली में प्रदूषण के कारण पुराने मॉडल की डीजल बसों पर लगी रोक से पहले रोडवेज की दिल्ली रूट पर 504 सेवाएं प्रतिदिन संचालित होती थी, लेकिन अभी प्रदूषण नियंत्रण के मानक पूरे करने वाली 310 बसें संचालित हो रही हैं।
194 बसें प्रतिबन्धित की गई हैं। प्रतिबन्ध से पूर्व रोडवेज की बसों का लोड फैक्टर लगभग 40 प्रतिशत था जो अभी बस सेवाओं की फ्रीक्वेंसी बढ़ने से लोड फैक्टर 90 से 100 प्रतिशत हो गया है। दिल्ली जाने वाले यात्रियों को किसी भी प्रकार की विशेष असुविधा नही हो रही हैं। मुख्य सचिव ने इस सम्बन्ध में भ्रामक सूचनाओं को स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं।