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सरकार ने अगले सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र से पहले 21 जुलाई को सर्वदलीय बैठक बुलाई

नई दिल्ली
सरकार ने अगले सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र से पहले 21 जुलाई को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। संसदीय कार्य मंत्रालय ने एक बयान में दी जानकारी। बयान में कहा गया, ‘‘संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू संसद के बजट सत्र से पहले संसद के दोनों सदनों में राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे। यह सर्वदलीय बैठक 21 जुलाई, 2024 को सुबह 11 बजे संसदीय सौध स्थित मुख्य समिति कक्ष में आयोजित की जाएगी।'' सत्र आरंभ होने से पहले सभी दलों के सदन के नेताओं की इस पारंपरिक बैठक में पहली बार नेता प्रतिपक्ष के रूप कांग्रेस सांसद राहुल गांधी शामिल होंगे।

तृणमूल कांग्रेस का कोई भी प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल नहीं होगा क्योंकि पार्टी 21 जुलाई को शहीद दिवस के रूप में मनाती है। तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल के नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने रीजीजू को पत्र लिखकर सूचित किया है कि उनकी पार्टी इस बैठक में शामिल नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘30 वर्षों से 21 जुलाई को बंगाल में हमारे 13 साथियों के सम्मान में ‘शहीद दिवस' के रूप में मनाया जाता है, जो 1993 में पुलिस की गोलीबारी में गैरकानूनी रूप से मारे गए थे।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस परिप्रेक्ष्य में, मेरे सहित अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के सभी सांसद पार्टी के अन्य सहयोगियों के साथ इस दिवस को मनाने के लिए अपने गृह राज्य में होंगे। इसलिए कोई भी सांसद बैठक में शामिल नहीं हो सकेगा।''

तृणमूल कांग्रेस 21 जुलाई को उन 13 कांग्रेस समर्थकों की याद में शहीद दिवस मनाती है, जो 1993 में राज्य सचिवालय राइटर्स बिल्डिंग तक मार्च निकाले जाने के दौरान कोलकाता पुलिस द्वारा की गयी गोलीबारी में मारे गए थे। ममता बनर्जी उस समय कांग्रेस की युवा शाखा की प्रदेश इकाई की अध्यक्ष थीं। उन्होंने 1 जनवरी, 1998 को तृणमूल कांग्रेस के गठन के बाद भी हर साल शहीद दिवस मनाना जारी रखा। इस दिन वह एक रैली को भी संबोधित करती हैं। संसद का मानसून सत्र 22 जुलाई से शुरू होने वाला है और यह 12 अगस्त तक प्रस्तावित है। बजट 23 जुलाई को पेश किया जाएगा।

18वीं लोकसभा के गठन के बाद पहले संसद सत्र में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' यानी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस' ने हाल ही में नीट विवाद, मणिपुर की स्थिति और महंगाई जैसे मुद्दों को उठाया था और नारेबाजी व शोरगुल के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई थी। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जवाब के दौरान दोनों सदनों में विरोध प्रदर्शन भी हुए थे। लोकसभा में प्रधानमंत्री के जवाब के दौरान विपक्षी सांसदों ने मणिपुर पर बयान देने की मांग करते हुए नारेबाजी की जबकि राज्यसभा में विपक्ष ने बहिर्गमन किया था।