Madhya Pradesh

बागेश्वर धाम में बनने जा रहा कैंसर अस्पताल दिखेगा ऐसा कुछ, सामने आया 3D डिजाइन; पीएम करेंगे भूमिपूजन

छतरपुर
छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम में मल्टी स्पेशियलिटी कैंसर हॉस्पिटल का निर्माण किया जाएगा, जिसका भूमिपूजन 23 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। यह 100 बिस्तर वाला आधुनिक अस्पताल होगा, जिसमें देश-विदेश के विशेषज्ञ डॉक्टर सेवाएं देंगे। आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। अस्पताल के निर्माण का खर्च पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा संचालित कथा आयोजनों और दानदाताओं के सहयोग से जुटाया जाएगा।

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि अस्पताल के लिए 25 एकड़ जमीन चिह्नित कर ली गई है। इसका नाम बालाजी सरकार कैंसर इंस्टीट्यूट रखा जाएगा। यहां जर्मनी और इंग्लैंड के डॉक्टर भी सेवाएं देंगे। गरीब मरीजों का इलाज निशुल्क किया जाएगा। फंड की व्यवस्था कथा से मिलने वाली राशि और दानदाताओं द्वारा की जाएगी।

100 बेड का होगा यह अस्पताल

बागेश्वर धाम में बनने वाला यह कैंसर अस्पताल 100 बेड का होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ देश की कई बड़ी हस्तियां भूमिपूजन में आएंगे। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा है कि यह अस्पताल तीन साल में बनकर तैयार हो जाएगा। अस्पताल की शुरुआत होने के बाद मेडिकल कॉलेज की दिशा में आगे बढ़ेंगे। इस पर करीब 200 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

गरीबों को फ्री में होगा इलाज

वहीं, कैंसर अस्पताल का मकसद सेवा है। यहां गरीबों का फ्री में इलाज होगा। इसके लिए एक कमिटी होगी जो इनकी पात्रता की जांच करेगी। साथ ही वहां उनके रहने खाने की व्यवस्था भी होगी। इसके साथ ही अन्य मरीजों को भी बेहद कम खर्च में इलाज की सुविधा दी जाएगी। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के अनुसार यहां इलाज करने विदेशों से भी डॉक्टर आएंगे।

अस्पताल में रहेंगी ये सुविधाएं

बालाजी सरकार कैंसर इंस्टीट्यूट में तमाम आधुनिक सुविधाएं होंगी। फूड कोर्ट, एग्जीबिशन कॉम्प्लेक्स, फॉर्मेसी एंड शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और सोलर पार्किंग होगी। इसके साथ पैथोलॉजी, सीटी स्कैन, एमआरआई, रेडियोथैरेपी एंडी कीमोथैरेपी की सुविधा होगी। यही नहीं नर्सिंग के कामों के लिए बागेश्वर धाम के युवाओं को अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों में ट्रेनिंग दिलवाई जा रही है।

जिला प्रशासन ने रद्द की छुट्टियां

वहीं, बागेश्वर धाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन ने भी तैयारियां शुरू कर दी है। जिला प्रशासन ने कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद वहां राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू भी आने वाली हैं।

तीन साल में पहले चरण का निर्माण पूरा होगा

अस्पताल का निर्माण चार चरणों में किया जाएगा, जिसका पहला चरण तीन वर्षों में पूरा होगा। 200 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से बनने वाले इस अस्पताल में मरीजों और उनके परिजनों के लिए रहने और भोजन की उत्तम व्यवस्था होगी।

बागेश्वर धाम के बच्चों को पैरामेडिकल ट्रेनिंग

धाम के बच्चों को पैरामेडिकल स्टाफ के रूप में प्रशिक्षित करने के लिए उन्हें रेडियोलॉजी, सर्जरी, कीमोथेरेपी जैसे चिकित्सा क्षेत्रों में विशेषज्ञता दिलाई जा रही है। इनकी शिक्षा और प्रशिक्षण का खर्च बागेश्वर धाम परिवार द्वारा उठाया जा रहा है।

फंडिंग के लिए दान और दक्षिणा का योगदान

अस्पताल के निर्माण के लिए देश-विदेश में बसे शिष्यों और श्रद्धालुओं से सहयोग लिया जाएगा। इसके अलावा, दानदाताओं से आर्थिक सहायता प्राप्त की जाएगी।

बागेश्वर धाम ट्रस्ट समिति करेगी संचालन

अस्पताल का संचालन बागेश्वर धाम ट्रस्ट समिति द्वारा किया जाएगा। इसके प्रबंधन के लिए विभिन्न कमेटियों का गठन होगा, जो अस्पताल के कार्यों का संचालन करेंगी।
डॉक्टरों की नियुक्ति तीन स्तरों पर होगी

अनुभवी मेडिकल ग्रुप्स (जैसे मेदांता, शंकर हॉस्पिटल, बिरला ग्रुप) से विशेषज्ञ डॉक्टरों का अनुबंध किया जाएगा।

विदेशों में बसे धाम से जुड़े डॉक्टरों को समय-समय पर सेवा देने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

स्थायी आधार पर डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति होगी, जैसे अन्य प्राइवेट अस्पतालों में की जाती है।

गरीब मरीजों को मिलेगा मुफ्त इलाज

अस्पताल में गरीब मरीजों को निशुल्क इलाज दिया जाएगा। इसके लिए विशेष कमेटी का गठन होगा, जो पात्र मरीजों की पहचान कर उनकी सहायता सुनिश्चित करेगी।

विदेशी डॉक्टर भी देंगे सेवाएं

जर्मनी के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. एंजेल पहले ही बागेश्वर धाम में बस चुके हैं। उन्होंने अपनी जर्मनी की संपत्ति बेचकर यहां आशियाना बनाया है और अस्पताल में अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार हैं। यह अस्पताल आने वाले समय में मेडिकल कॉलेज के रूप में भी विकसित किया जाएगा, जिससे क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा और गरीबों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी।