वीर क्रांतिकारी राजा भभूतसिंह : सतपुड़ा की गोद से जन्मी आज़ादी की ज्वाला
भोपाल मध्य भारत की धरती, विशेषकर मालवा और नर्मदा तटवर्ती सतपुड़ा क्षेत्र, प्राचीन समय में अवंतिका महाजनपद का हिस्सा रही है। इस क्षेत्र की महादेव पहाड़ियाँ, ताप्ती और नर्मदा की घाटियाँ, हजारों वर्षों से धार्मिक और आध्यात्मिक साधना की भूमि रही हैं। यहाँ का कोरकू आदिवासी समाज भोलेनाथ को अपना आराध्य और कुल देवता मानता है। ऐसा विश्वास है कि कोरकू समाज भोलेनाथ के गणों और उनके अनुयायियों के वंशज हैं। कोरकू समुदाय का प्रभुत्व 18वीं सदी तक इस सम्पूर्ण भूभाग में स्थापित था। राजा भभूतसिंह कोरकू, इसी परंपरा के
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