बस्तर में एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है ‘पत्थलगड़ी आंदोलन’ बस्तर जिले के तीन ब्लॉकों के सैकड़ों ग्रामीण संवैधानिक प्रावधानों का हवाला देकर ग्राम सभाओं के अधिकारों का दावा कर रहे हैं…
इम्पेक्ट न्यूज। रायपुर। दक्षिणी छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में ‘पत्थलगड़ी आंदोलन’—जमीन को सीमांकित करने की सदियों पुरानी आदिवासी प्रथा—प्रतिरोध के शक्तिशाली प्रतीक के रूप में पुनर्स्थापित करने का प्रयास हो रहा है। बस्तर जिले के तीन ब्लॉकों के सैकड़ों ग्रामीण संवैधानिक प्रावधानों का हवाला देकर ग्राम सभाओं के अधिकारों का दावा कर रहे हैं, जिससे आदिवासी स्वायत्तता, भूमि अधिकार और राज्य नियंत्रण पर तीखी बहस छिड़ गई है। अंबेडकर जयंती (14 अप्रैल) को इस आंदोलन ने किलेपाल और तुरंगुर गांवों में प्रमुख चौराहों पर आदिवासी संप्रभुता की घोषणा वाले बैनर
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