…और यूं कल—कल करती इंद्रावती बहने लगी बस्तर की राह… 15 गांवों के इंद्रावती बचाओ मंच के ग्रामीणों ने राह की बाधा रेत के टीले को हटाया…
इम्पेक्ट न्यूज। जगदलपुर। आज सुबह बस्तर और ओड़िसा की सीमा पर इंद्रावती नदी के उस मुहाने पर इंद्रावती माई की जय के जयकारे के साथ ग्रामीणों ने प्राणदायिनी नदी को बस्तर में नवजीवन प्रदान कर दिया। दरअसल ओड़िसा के आते हुए इंद्रावती का बहाव जोरानाले से होकर सबरी की ओर मुड़ गया है। बारिश के बाद इंद्रावती नदी पर बहाव यकायक ठहर जाता है जिसका प्रभाव बस्तर में इंद्रावती की तटीय क्षेत्र में किसानी करने वालों पर पड़ता रहा है। साथ ही नदी में पानी का बहाव बंद होने के
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