जनजातीय गौरव दिवस, सभी के लिए जनजातीय बलिदानियों को स्मरण करने का अवसर : उच्च शिक्षा मंत्री श्री परमार
भोपाल भगवान बिरसा मुंडा शौर्य एवं पराक्रम के प्रतीक हैं। उन्होंने न केवल अंग्रेजों की पराधीनता के विरुद्ध स्वतंत्रता के संघर्ष का शंखनाद किया बल्कि समाज को संगठित कर राष्ट्र के लिए बलिदान देने वाले स्वाधीनता सेनानी तैयार किए। भगवान बिरसा मुंडा ने समाज की बुराइयों पर नियंत्रण एवं सुधार के लिए भी अपना योगदान दिया। जिसने अपने मात्र 25 वर्ष के जीवन में देश के लिए बलिदान देकर राष्ट्र रक्षा के संकल्प लिया और उसके लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए, राष्ट्र के ऐसे क्रान्तिसूर्य के शौर्य एवं पराक्रम
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