प्रयासों के ताने-बाने से सुरक्षित है हथकरघा की खूबसूरत दुनिया, महिलाएं ही नहीं, पुरुष भी हैं हथकरघा के शौकीन
इंदौर एक वक्त था, जब शहर में हथकरघा उत्पाद की जड़ें जमती जा रही थीं। फिर कपड़ा मिल का दौर आया और हैंडलूम की जगह पावरलूम ने ले ली। वक्त के साथ हथकरघा उत्पाद की मांग कम होती गई। मगर, अब फिर इस उद्योग को आशा की न केवल किरण नजर आ रही है, बल्कि यह उद्योग ही मांग के आकाश पर छाने लगा है। प्रयासों के ताने-बाने से एक बार फिर हथकरघा की खूबसूरत दुनिया सुरक्षित महसूस कर रही है। यह प्रयास कोई एक व्यक्ति, संस्था या एक पद्धति
Read More