ब्रिटिश काल के इतिहासकार ने अपनी किताब में धार की भोजशाला के यंत्रों उल्लेख
धार जब राजा भोज ने भोजशाला के भव्य भवन का निर्माण करवाया था, तब उन्होंने इसे केवल एक मंदिर की तरह नहीं अपितु धर्म, ज्ञान, विज्ञान, खगोल सहित तमाम तरह की विद्याओं को पढ़ने के केंद्र अर्थात एक विश्वविद्यालय के रूप में भी बनाया था। इस बात का प्रमाण आज भी भोजशाला में पत्थर पर उकेरे गए कालसर्प यंत्र और सिद्धियंत्र देते हैं। भोजशाला पर क्रूर आक्रांताओं के हमले के बाद से सनातन में पूजित इन मंगल यंत्रों पर काले अंधकार की छाया पड़ गई थी। इसके बाद से ये
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