परिवहन महकमे की नई नीति से बेहाल सिंडीकेट
ग्वालियर
प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का एक क्रांतिकारी फैसला आज कल परिवहन विभाग में हड़कंप लाया हुए है जहाँ प्रदेश के मुखिया ने ट्रांसपोर्टरों व ट्रक ड्राइवरों की बहुत पुरानी मांग को मानते हुए 1 जुलाई से परिवहन की नई नीति लागू कर दी है जिसके चलते राज्य की सीमाओं पर बनी चेकपोस्टों को बंद कर दिया गया है जिससे इन चेकपोस्टों पर हो रही अवैध वसूली पर पूर्णरूप से रोक लग गई है साथ ही परिवहन विभाग के अधिकारी व मंत्री ने गुजरात मॉडल को अंगीकार करने का निश्चय कर लिया है व उस ओर एक सकारात्मक कदम भी बड़ा दिया है पर विभाग के ही कुछ अधिकारी व उनके तथाकथित पत्रकारों साथियों ने भी पुरानी व्यवस्था को बनाये रखने के लिए मुहिम छेड़ दी है जिसके चलते नई नीति को लागू करने में विलंब हो रहा है । और भोपाल में हर स्तर पर दबाब बनाया जा रहा है । वहीं मुख्यमंत्री परिवहन मंत्री व विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी किसी भी दबाब ना आने का मन बना चुके हैं और साफ लहजे में कह चुके हैं कि परिवहन की नई नीति किसी भी कीमत पर लागू की जाएगी ।
RTI, कटरों और पत्रकारों का गठजोड़ हुआ सक्रिय
नई परिवहन नीति को फेल करने के लिए विभाग के रसूखदार RTI , कटरों और कुछ तथाकथित पत्रकारों ने अपने हितों को साधने के लिए एक अनौपचारिक गठबंधन कर लिया है जिसके चलते जँहा विभाग के RTI नई नीति के विरुद्ध असहयोग जता रहे हैं तो वंही उनके तथाकथित पालतू पत्रकार अनापशनाप खबरें छाप कर नई व्यवस्था के खिलाफ माहौल बना रहे हैं अपने वित्तिय हितों को ध्यान में रखते हुए वो हर उस हतकंडे का उपयोग कर रहे है जिससे पुरानी व्यवस्था को दुबारा से लागू करवाया जा सके और उनका भ्रष्टाचार सुचारू रूप से चलता रहे और उनकी अवैध वसूली कटरों के माध्यम से चेकपोस्टों पर होती रहे । अपनी इस मनसा को पूरा करने के लिए वे किसी भी स्तर तक जाने को तैयार हैं।
नई नीति न लागू हो सके इसके लिए हर हद की पर
प्रदेश के मुख्यमंत्री व मंत्री का जनहितकारी फैसला कँही लागू न हो जाये इसके लिए जो तरीका अपनाया गया उसमें सबसे महत्वपूर्ण किरदार उन तथाकथित पत्रकारों ने निभाया जो झूठी खबरों के माध्यम से खबर फैला कर माहौल बना रहे हैं कि विभाग से पैसा दिल्ली तक जाता है। मंत्री और मुख्यमंत्री पर भी फर्जी आरोपों की झड़ी लगा दी गई है और उनकी छवि खराब की जा रही है ये सब खबरें महकमें के बड़े रसूखदार RTI अधिकारियों के कहने पर की जा रही है । ये पूरा एक सिंडिकेट है जो पिछले कई वर्षों से इसी तरह से काम कर रहा है । जो भी इनकी अवैध वसूली के खिलाफ आता है उसे टारगेट किया जाता है और उसका मनोबल इन्ही पत्रकारों की झूठी खबरों के माध्यम से तोड़ा जाता है । ताकि इनका खेल बदस्तूर ऐसे ही चलता रहे ।
लाखों की बंदरबांट होती हर महीने
पुरानी व्यवस्था के चलते परिवहन विभाग के ये रसूखदार RTI करोड़ो रूपये की उगाही करते है जिसमें इनका साथ चेकपोस्टों को ठेके पर लेने वाले कटर देते है और उगाही का एक हिस्सा इन तथाकथित पत्रकारों को भी रेवड़ी के तौर पर दिया जाता है । इस मे कितनी कमाई ही ये इस बात से ही जाहिर हो जाता है कि विभाग का ही एक सिपाही नौकरी छोड़कर चेकपोस्टों को ठेके पर चला रहा है और करोड़ो के वारे न्यारे कर रहा है । वहीँ कुछ पत्रकार भी लाखों रुपये इस बात का ले रहे हैं कि वे कँही पर भी इस वसूली की खबर नही छापने देंगे जिसके कई ऑडियो पूर्व में भी वायरल हुए हैं जिसमें साफ तौर से सुनाई देता है कि ये लोग किस तरह से विभाग के दलाल बने हुए हैं और इनकी कैसे उन रसूखदार आर टी आई अधिकारियों से सांठगांठ है । यदि एक उच्च स्तरीय जांच ही तो इन पत्रकारों व आर टी आईयों पर आय से अधिक धन संपदा निकलेगी कई पूर्व व वर्तमान अधिकारियों के स्कूल कॉलेज व मैरिज गार्डन संचालित हैं तो कोई अरबों की संपत्ति का मालिक है जिसकी खबर इनकी आपसी लड़ाई की वजह से कई बार सामने आ चुकी है । मुख्यमंत्री द्वारा यदि किसी योग्य एजेंसी के माध्यम से इसकी जांच कराई जाए तो बहुत से भ्रष्टाचारियों पकड़े जाएंगे ।
ट्रक ड्राइवर राजनैतिक दम पर आरटीओ स्टाफ पर दर्ज करा दी झूटी एफआईआर
वहि आपको बता दे की परिवहन चेकपोस्ट बंद के आदेश आने के बाद ट्रक संचालकों ने अपने ट्रक चालको को यह आदेश दे डाले है की अब रोड पर अपने ट्रको को राजधानी एकप्रेस के माफिक दौडओं और आम जनता को कीडे मकोडे समझ कर रौंदो और अगर कोइ भी आरटीओ स्टाफ आपको पकडे तो फर्जी बीडीओ बना कर उन इमानदार आरटीओ कर्मचारियों पर झूटी एफआईआर कराओं ऐसा ही एक मामला रीवा जिले के हनुमना चैकिंग पाइंट का सामने आ रहा है जिसमें एक ट्रक ड्राइवर ने राजनैतिक रसूख की दम पर आरटीओ स्टाफ पर झूटी ऐफआइआर करा दी और फर्जी बीडीओ बायरल कर दी.
रसूखदार आर टी आई करते है ईमानदार टी एस आईयों को परेशान
परिवहन विभग में कार्यरत आर टी आई पिछले पांच वर्षों से अपनी राजनैतिक पँहुच के चलते विभाग को वसूली का अड्डा बना चुके हैं बात पिछले पांच साल में यँहा तक पँहुच गई कि बड़े वैरियरों पर लगातार बने रहने वाले आर टी आई आज विभाग को दीमक की तरह चाट गए हैं और यदि कोई टी एस आई इनके विरोध में बोलता है तो उसे दूरदराज के इलाकों में पोस्ट करा दिया जाता था जिसमे इनके राजनैतिक आकाओं का महत्वपूर्ण रोल होता था पर जिस तरह से मुख्यमंत्री मंत्री व वरिष्ठ अधिकारियों ने पिछले पांच -छः माह में इनकी कारगुजारियों पर अंकुश लगाया है उससे ये पूरी तरह से छटपटा रहे है और पूरी ताकत से मंत्री मुख्यमंत्री और इन वरिष्ठ अधिकारियों की छवि धूमिल करने के लिए आमादा है पर मुख्य मंत्री के आदेश पर परिवहन मंत्री व उनके अधिकारियों ने भी इन आर टी आइयों पर नकेल कस दी है और जल्द ही इनकी चिठ्ठी पत्री खोल दी जाएगी