सर्जिकल स्ट्राइक की हिम्मत है, बात की नहीं; मणिशंकर ने की पाक की तारीफ
नई दिल्ली
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान की तारीफ में कसीदे पढ़ रहे हैं। हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने लाहौर में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की। उन्होंने यह भी कह दिया कि भारत के पास सर्जिकल स्ट्राइक की हिम्मत है, लेकिन बातचीत की नहीं। उन्होंने पाकिस्तान को 'भारत के लिए सबसे बड़ी ऐसेट' बताया है। साथ ही कहा कि उनका पाकिस्तान जैसा स्वागत किसी और देश ने नहीं किया।
पाकिस्तानी अखबार डॉन के अनुसार, मणिशंकर ने पाकिस्तान से बातचीत नहीं करने को पीएम मोदी की 'सबसे बड़ी गलती' बताया है। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस और भाजपा सरकार में इस्लामाबाद में पांच भारतीय उच्चायुक्त रहे और सभी पांचों का मानना था कि मतभेद जो भी रहे, लेकिन हमें पाकिस्तान से बातचीत करनी चाहिए।'
उन्होंने कहा, 'और बीते 10 सालों में जो सबसे बड़ी गलती हमने की है, वो बातचीत से इनकार करना है। हमारे पास आपके खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक्स करने की ताकत है, लेकिन हमारे पास बैठक बात करने का साहस नहीं है।' हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब बातचीत के मुद्दे पर अय्यर ने पीएम मोदी पर सवाल उठाए हों। बीते साल अगस्त में उन्होंने कहा था, 'पीएम मोदी से पहले हर प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के साथ कुछ बात करने की कोशिश की, लेकिन अब यह एकदम बंद है।'
'किसी और देश ने नहीं किया पाकिस्तान जैसा स्वागत'
अय्यर ने कहा है कि उनका जितना खुले दिल से पाकिस्तान में स्वागत हुआ, उतना किसी और देश में नहीं हुआ। 'डॉन' समाचार पत्र ने अय्यर के हवाले से कहा, 'मेरा अनुभव कहता है कि पाकिस्तानी दूसरे पक्ष को लेकर शायद जरूरत से अधिक प्रतिक्रिया देते हैं। यदि हम मित्रवत हैं तो उनका व्यवहार बहुत अधिक दोस्ताना होगा और यदि हम शत्रुतापूर्ण हैं तो उनका व्यवहार बहुत अधिक शत्रुतापूर्ण होगा।'
कांग्रेस सांसद ने शनिवार को लाहौर के अलहमरा में फैज महोत्सव के दूसरे दिन 'हिज्र की राख, विसाल के फूल, भारत-पाक मामले' शीर्षक वाले सत्र के दौरान यह टिप्पणी की। रिपोर्ट के अनुसार, अय्यर ने कहा कि उनका किसी भी और देश में ऐसा खुले दिल से स्वागत नहीं किया गया, जैसा पाकिस्तान में किया गया।
उन्होंने कहा कि जब वह कराची में महावाणिज्य दूत के रूप में तैनात थे, तो हर कोई उनकी और उनकी पत्नी की देखभाल किया करता था। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी पुस्तक 'मेमोयर्स ऑफ ए मेवरिक' में ऐसी कई घटनाओं के बारे में लिखा है, जो पाकिस्तान को भारतीयों की कल्पना से बिल्कुल अलग देश के रूप में दिखाती हैं।
अय्यर ने कहा कि सद्भावना की आवश्यकता थी लेकिन 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पहली बार सरकार के गठन के बाद से पिछले 10 साल में सद्भावना के बजाय विपरीत स्थिति पैदा हुई है।
भारत में हुए आतंकवादी हमले
जनवरी 2016 में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों द्वारा भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमलों के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध और खराब हो गए हैं। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं करेगा क्योंकि बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते। रिपोर्ट के अनुसार, अय्यर ने कहा कि यह उम्मीद करना मूर्खतापूर्ण है कि भारत में हिंदुत्व प्रतिष्ठान पाकिस्तान से बात करना चाहेगा।
उन्होंने कहा, 'मैं (पाकिस्तान के) लोगों से बस यही कहना चाहता हूं कि वे इस बात को याद रखें कि (प्रधानमंत्री) मोदी को कभी एक-तिहाई से अधिक वोट नहीं मिले, लेकिन हमारी प्रणाली ऐसी है कि अगर उनके पास एक-तिहाई वोट हैं, तो उनके पास दो-तिहाई सीट हैं, इसलिए दो-तिहाई भारतीय आपकी (पाकिस्तानियों की) ओर आने को तैयार हैं।' कांग्रेस नेता ने सुझाव दिया कि व्यापारियों, छात्रों और शिक्षाविदों को दोनों देशों की सरकारों को दरकिनार करते हुए भारत और पाकिस्तान के बाहर मिलना जारी रखना चाहिए।