परख राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में शामिल हुए मध्यप्रदेश के विद्यार्थी
भोपाल
केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा देश के सबसे बड़े राष्ट्रीय शैक्षिक सर्वेक्षण, ’’परख’’ राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण-2024 आज चयनित शालाओं में एक साथ किया गया। यह सर्वेक्षण प्रदेश की लगभग 5742 चयनित शालाओं में किया गया। इस सर्वेक्षण में कक्षा 3, 6 एवं 9 के करीब एक लाख 45 हजार विद्यार्थियों ने हिंदी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषयों में अपने ज्ञान का प्रदर्शन किया।
उल्लेखनीय है कि परख एक राष्ट्रीय मूल्यांकन संस्था है। परख का अर्थ है प्रदर्शन, मूल्यांकन, समीक्षा और समग्र विकास के लिए ज्ञान का विश्लेषण। यह एक राष्ट्रव्यापी स्कूल शिक्षा सर्वेक्षण है, जिसमें सेंपल सर्वेक्षण के आधार पर देश के स्कूल शिक्षा का आंकलन किया जाता है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय में नेशनल कॉउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) के द्वारा परख सर्वेक्षण आयोजित किया जाता है।
इस राष्ट्रव्यापी स्कूल शिक्षा सर्वेक्षण को पहले नेशनल अचीवमेंट सर्वे (एनएएस) के रूप में जाना जाता था, जिसका आयोजन हर तीन साल में किया जाता है। पिछली बार नेशनल अचीवमेंट सर्वे-2021 में हुआ था। इसमें मध्यप्रदेश ने देश भर में पॉंचवां स्थान प्राप्त किया था।
इस सर्वे को समय के साथ देश की स्कूली शिक्षा प्रणाली की प्रगति का मूल्यांकन और निगरानी करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह सर्वेक्षण भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और "हमारे आस-पास की दुनिया" (पर्यावरण जागरूकता पर केंद्रित विषय) जैसे प्रमुख विषयों के बारे में छात्रों की समझ का आंकलन करता है। पेपर-आधारित मूल्यांकन और आधुनिक ओ.एम.आर तकनीक को मिलाकर एक व्यापक पद्धति के साथ, परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण-2024 न केवल छात्रों के शैक्षिक स्तर का मूल्यांकन है, बल्कि पूरे भारत में लाखों छात्रों के लिए शैक्षिक परिदृश्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस सर्वेक्षण के परिणामों का उपयोग शैक्षिक सुधारों और भविष्य के नीतिगत निर्णयों के लिए किया जाता है।
प्रदेश में इस सर्वे के सफल आयोजन के लिए राज्य शिक्षा केन्द्र में कंट्रोल रूम की स्थापना के साथ ही सभी चयनित सेम्पल शालाओं में आब्जर्वर की उपस्थिति में सर्वे कराया गया। प्रदेश के समस्त जिलों में परख सर्वेक्षण की निगरानी के लिये स्कूल शिक्षा विभाग ने स्टेट ऑब्जर्वर भी राज्य स्तर से तैनात किए थे।