Madhya Pradesh

प्रदेश के युवाओं के स्टार्ट-अप ने की अंतर्राष्ट्रीय आयोजन कम-अप-2024 में भागीदारी, सीएम ने दी बधाई

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सियोल, दक्षिण कोरिया में 'कम-अप-2024' आयोजन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए एआई स्टार्ट-अप क्षेत्र में कार्यरत प्रदेश के युवा अर्पित श्रीवास्तव को बधाई दी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कृप्टन एआई टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए 'कम-अप-2024' में देश के युवाओं ने अपनी भागीदारी दर्ज की। निश्चित ही इससे प्रदेश की स्टार्ट-अप नीति की सफलता भी प्रमाणित हुई है। प्रदेश के अन्य युवा भी इस उपलब्धि से प्रेरित होंगे। उल्लेखनीय है कि 11 और 12 दिसंबर को दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में यह आयोजन सम्पन्न हुआ। कृप्टन एआई स्टार्ट-अप मध्यप्रदेश के युवाओं का है और प्रदेश से चयनित युवक अर्पित हैं, जो प्रदेश के लिए इस गौरवपूर्ण उपलब्धि का माध्यम बने हैं। पूरे देश से कुल 6 स्टार्टअप चयनित हुए।

दक्षिण कोरिया और यूएई की स्टार्ट-अप मिनिस्टर से हुआ युवाओं का संवाद
सियोल के इस प्रतिष्ठित आयोजन में एआई के क्षेत्र में भविष्य की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया गया। कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण हस्तियों की उपस्थिति रही, जिनमें दक्षिण कोरिया की लघु और मध्यम उद्योग मंत्री ओ यंग-जू और संयुक्त अरब अमीरात की राज्य मंत्री (उद्यमिता) एच.ई. आलिया बिंत अब्दुल्ला अल माज़रुई शामिल थीं। सुश्री आलिया ने कृप्टन एआई टेक्नोलॉजीज के प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया और दक्षिण कोरिया और अन्य देशों में एआई के भविष्य और संभावनाओं पर चर्चा की। कृप्टन की ओर से अर्पित के अलावा भूमिका वल्लभदास, अभय अठया और पार्थ राठौड़ भी आयोजन में उपस्थित थे।

आयोजन में कृप्टन एआई टेक्नोलॉजीज ने अपनी उन्नत एआई प्रौद्योगिकियों और उत्पादों का प्रदर्शन किया, जो 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत तैयार किए गए हैं। कंपनी के प्रतिनिधियों ने विभिन्न देशों से आए निवेशकों और अधिकारियों के साथ जुड़कर वैश्विक सहयोग के अवसरों पर चर्चा की। इस आयोजन का उद्देश्य एआई के क्षेत्र में नए विचारों और तकनीकों को प्रोत्साहित करना, स्टार्ट-अप्स को वैश्विक मंच प्रदान करना और विभिन्न देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना था। भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले युवाओं का मानना है कि सियोल के आयोजन भागीदारी से भारत की एआई क्षेत्र में न सिर्फ महत्वपूर्ण भूमिका को सराहा जा रहा है बल्कि भारत इस क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बन कर सामने आ रहा है। दक्षिण कोरिया और अन्य देशों में व्यापार और साझेदारी की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई है।