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आध्यात्मिक गुरु और ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव को ब्रेन सर्जरी के बाद अस्पताल से मिली छुट्टी

नई दिल्ली
आध्यात्मिक गुरु और ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव को ब्रेन सर्जरी के बाद बुधवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की संयुक्त प्रबंध निदेशक डॉ. संगीता रेड्डी ने कहा, "डॉक्टरों ने उनकी रिकवरी और ईलाज पर संतोष जाहिर की है। वह पूर्व की स्थिति में आ चुके हैं। उनका तेज़ दिमाग और उनकी हास्य की भावना सभी बरकरार है। मुझे लगता है कि यह उन लाखों लोगों के लिए अच्छी खबर है जो उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछ रहे थे।"
 
ईशा फाउंडेशन ने इस दौरान सद्गुरु को सभी से मिले प्यार और समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया है। 66 वर्षीय आध्यात्मिक गुरु को 17 मार्च को अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया था। उन्होंने बेहोशी और बाएं पैर में कमजोरी की शिकायत की थी। डॉ. विनीत सूरी, डॉ. प्रणव कुमार, डॉ. सुधीर त्यागी और डॉ. एस. चटर्जी की डॉक्टरों की एक टीम ने कुछ घंटों के भीतर उनकी सर्जरी की। सर्जरी के बाद सद्गुरु को वेंटिलेटर से हटा दिया गया।

पीएम मोदी ने की थी सदगुरु से बात
ईशा फाउंडेशन के मुताबिक अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विनीत सूरी ने सद्गुरु के स्वास्थ्य की जांच की और उन्हें एमआरआई कराने की सलाह दी थी। इसके बाद उनके मस्तिष्क में बड़े पैमाने पर रक्तस्राव का पता चला था। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सद्गुरु से बात की और उनके अच्छे स्वास्थ्य और शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।