लोकसभा में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा को स्पीकर ओम बिरला ने फटकार लगा दी, कहा- सलाह मत दिया करो, चलो बैठो
नई दिल्ली
लोकसभा में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा को स्पीकर ओम बिरला ने गुरुवार को फटकार लगा दी। साथ ही कहा कि किसपर आपत्ति होनी चाहिए या नहीं, इसकी सलाह मत दिया करो। कांग्रेस नेताओं ने स्पीकर ओम बिरला से तीखे सवाल किए हैं। सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो गया है। हरियाणा के रोहतक से सांसद दीपेंद्र हुड्डा और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के बीच यह वाक्या तब हुआ, जब कांग्रेस सांसद शशि थरूर शपथ लेकर वापस लौट रहे थे। शशि थरूर ने शपथ लेने के बाद जय संविधान कहा तो स्पीकर ओम बिरला ने जवाब दिया कि संविधान की शपथ तो ले ही रहे हैं। इस पर वहां मौजूद कांग्रेस नेताओं ने आपत्ति जताई। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने खड़े होकर कहा कि इस पर आपको आपत्ति नहीं होनी चाहिए। ओम बिरला ने हुड्डा से कहा कि किस पर आपत्ति है, किस पर नहीं, सलाह मत दिया करो, चलो बैठो। स्पीकर ओम बिरला के यह कहने के बाद वहां मौजूद अन्य नेताओं को यह कहते हुए सुना गया कि कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए इस पर।
कांग्रेस के कई नेताओं ने यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया है। खुद सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने लिखा, ''क्या अब देश की संसद में भी 'जय संविधान' बोलना ग़लत हो गया है? देश की जनता फैसला करेगी कि संसद में 'जय संविधान' बोलना गलत है या 'जय संविधान' बोलने वाले को टोकना गलत है।'' वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी पूछा है कि क्या भारत की संसद में 'जय संविधान' नहीं बोला जा सकता? संसद में सत्ता पक्ष के लोगों को असंसदीय और असंवैधानिक नारे लगाने से नहीं रोका गया, लेकिन विपक्षी सांसद के 'जय संविधान' बोलने पर आपत्ति जताई गई।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने 'एक्स' अकाउंट पर लिखा, ''चुनावों के दौरान सामने आया संविधान विरोध अब नए रूप में सामने है जो हमारे संविधान को कमजोर करना चाहता है। जिस संविधान से संसद चलती है, जिस संविधान की हर सदस्य शपथ लेता है, जिस संविधान से हर नागरिक को जान और जीवन की सुरक्षा मिलती है, क्या अब विपक्ष की आवाज दबाने के लिए उसी संविधान का विरोध किया जाएगा?''
आपातकाल वाले प्रस्ताव को लेकर बिरला के समक्ष आपत्ति जताई
वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सदन के अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और उनके द्वारा सदन के भीतर आपातकाल का उल्लेख किए जाने को लेकर यह कहते हुए आपत्ति दर्ज कराई कि यह कदम राजनीतिक था और इससे बचा जा सकता था। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने संसद भवन में बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी, जिस दौरान गांधी ने सदन में अध्यक्ष द्वारा आपातकाल का उल्लेख किए जाने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा, ''यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी। लोकसभा अध्यक्ष ने राहुल गांधी को विपक्ष का नेता घोषित किया। उसके बाद राहुल गांधी गठबंधन के सहयोगी नेताओं के साथ अध्यक्ष से मिले।'' यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी ने सदन में आपातकाल की निंदा करते हुए प्रस्ताव लाए जाने के मुद्दे पर चर्चा की, वेणुगोपाल ने कहा, ''हमने संसद के कामकाज के बारे में कई चीजों पर चर्चा की। निश्चित तौर पर यह मुद्दा भी उठा।''