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सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल का दावा- महिला सहकर्मियों को रेप और एसिड अटैक जैसी धमकियां मिल रही

नई दिल्ली
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल और कॉलेज मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। इस बीच सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल का दावा है कि उनकी महिला सहकर्मियों को रेप और एसिड अटैक जैसी धमकियां मिल रही हैं। मामले की सुनवाई भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच कर रही है। कोर्ट ने भरोसा जताया है कि अगर किसी को भी खतरा हुआ, तो कार्रवाई की जाएगी।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, सिब्बल ने कहा, 'मेरे चैंबर में मौजूद महिलाओं को धमकियां मिल रही हैं और मेरे बारे में कुछ पोस्ट्स हैं कि मैं हंसता हूं। मैं कब हंसा। ऐसा कहा जा रहा है कि उन पर एसिड फेंक दी जाएगी और रेप किया जाएगा आदि। जमीन पर मौजूद लोग ऐसा कह रहे हैं।' रिपोर्ट के अनुसार, सिब्बल का दावा है कि पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से पेश होने के चलते ये धमकियां मिल रहीं हैं।

इसपर बेंच ने कहा, 'अगर किसी भी महिला या पुरुष को ऐसा जोखिम होता है, तो हम हस्तक्षेप करेंगे।' सिब्बल ने कहा कि 50 सालों में वकीलों का कमाया गया सम्मान रातों-रात खत्म किया जा रहा है। खास बात है कि सिब्बल ने मामले की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग बंद कराने की भी मांग की है। जबकि, कोर्ट ने उनकी बात को अस्वीकार कर दिया है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, 'हम सीधा प्रसारण नहीं रोकेंगे, क्योंकि यह जनहित में है।'

सिब्बल का कहना था, 'जो भी हो रहा है, उसे लेकर मुझे काफी चिंताएं हैं। जब मामले का ऐसे सीधा प्रसारण किया जाता है, तो उसका भावनात्मक असर होता ह। हम यहां आरोपी के लिए नहीं हैं। हम राज्य की ओर से पेश हुए हैं और जैसे ही अदालत कोई टिप्पणी करती है तो हमारी प्रतिष्ठा रातों-रात खत्म हो जाती है। यह 50 सालों में कमाई प्रतिष्ठा है। स्वप्निल त्रिपाठी के मामले में कहा गया था कि ऐसे मामलों का सीधा प्रसारण नहीं होना चाहिए।'

सुप्रीम कोर्ट ने आरजी कर कॉलेज और हॉस्पिटल केस पर स्वत: संज्ञान लिया है। 9 अगस्त को 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर की लाश मिली थी, जिसकी रेप के बाद बेरहमी से हत्या की गई थी। इस घटना के बाद से ही पश्चिम बंगाल समेत देश के कई राज्यों में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी है।