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रूस के सहयोगी अलेक्जेंडर लुकाशेंको फिर से बेलारूस के राष्ट्रपति चुने गए, चुनाव की निष्पक्षता पर उठे सवाल

मिंस्क
रूस के सहयोगी अलेक्जेंडर लुकाशेंको सोमवार को फिर से बेलारूस के राष्ट्रपति चुने गए हैं। वह वर्ष 1994 से इस पद पर बने हुए हैं। पश्चिमी देशों ने इस चुनाव को दिखावा करार दिया है। देश के केंद्रीय चुनाव आयोग के प्रमुख इगोर कारपेंको ने सोमवार तड़के कहा कि हमने राष्ट्रपति चुन लिया है। आयोग के आधिकारिक अकाउंट पर जारी प्रारंभिक परिणामों के अनुसार, लुकाशेंको ने 86.8 प्रतिशत वोट प्राप्त किए।

विपक्ष में थे 4 उम्मीदवार
उनके खिलाफ चार अन्य उम्मीदवार मौजूद थे। इनमें सर्गेई सिरानकोव, ओलेग गाइदुकेविच, अन्ना कानोपत्सकाया और अलेक्जेंडर खिज्न्याक शामिल थे जिन्हें क्रमश: 3.21 प्रतिशत, 2.02 प्रतिशत, 1.86 प्रतिशत और 1.74 प्रतिशत वोट हासिल हुए।
यहां हर पांच साल में चुनाव होते हैं। राष्ट्रपति प्रत्यक्ष चुनाव के माध्यम से चुना जाता है और 50 प्रतिशत से अधिक वोट जीतने वाला उम्मीदवार विजेता घोषित होता है।
यूरोपीय देशों ने परिणाम सामने आने के बाद कहा कि मतदान न तो स्वतंत्र है और न ही निष्पक्ष, क्योंकि पूर्व सोवियत गणराज्य में स्वतंत्र मीडिया पर प्रतिबंध है और सभी प्रमुख विपक्षी हस्तियों को या तो जेल में डाल दिया गया है या विदेश भागने के लिए मजबूर कर दिया गया है।

अमेरिकी महिला रिहा
बेलारूस में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ही अमेरिकी महिला अनास्तासिया नुफर को रिहा कर दिया गया। महिला की गिरफ्तारी 2020 में चुनाव के बाद हुई प्रदर्शनों से जुड़ी है। उसे बाइडन प्रशासन के वक्त ही हिरासत में लिया गया था। बताया जा रहा है कि महिला को रिहा करने की पेशकश खुद राष्ट्रपति लुकाशेंको ने की थी। बता दें कि 2020 में जब बेलारूस में राष्ट्रपति चुनाव हुए थे, तब मतदान में धांधली के आरोप लगाते हुए लोगों ने बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान हजारों लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। इनमें से कई लोग अभी भी हिरासत में हैं।

5 साल का होता है कार्यकाल
बेलारूस में राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 साल का होता है। 2022 में संविधान में संशोधन कर दो कार्यकाल की सीमा लागू कर दी गई है। यह इस चुनाव के बाद से प्रभावी हो जाएगी। बेलारूस में पिछला चुनाव 9 अगस्त 2020 को हुआ था, जिसमें अलेक्जेंडर लुकाशेंको को 80.1 फीसदी वोट मिले थे।