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‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन किया गया, अमित शाह, बोले- पटेल की विरासत को मिटाने का प्रयास किया गया

नई दिल्ली
हर साल लौह पुरुष के नाम से मशहूर देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती 31 अक्टूबर को मनाई जाती है। लेकिन इस साल 31 अक्टूबर से दो दिन पहले, यानी 29 अक्टूबर को दिल्ली में 'रन फॉर यूनिटी' का आयोजन किया गया। इस खास कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाग लिया। यह दौड़ सरदार पटेल की एकता और अखंडता के प्रति समर्पण को उजागर करने के लिए आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों में राष्ट्रीय एकता का संदेश फैलाना और सरदार पटेल के योगदान को याद करना था।

पटेल की विरासत को मिटाने का प्रयास किया…
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत को कमजोर करने की कोशिशें की गई हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें लंबे समय तक भारत रत्न से वंचित रखा गया। पटेल की जयंती से पहले आयोजित 'रन फॉर यूनिटी' कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि देश के पहले गृह मंत्री की दूरदर्शिता के कारण 550 से अधिक रियासतों का भारत संघ में विलय हुआ।

भारत रत्न से वंचित रहन
अमित शाह ने दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में कार्यक्रम के दौरान कहा, "सरदार पटेल की विरासत को मिटाने और कमजोर करने का प्रयास किया गया। उन्हें भारत रत्न से भी वंचित रखा गया।" हालाँकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के केवड़िया में पटेल की सबसे ऊँची प्रतिमा स्थापित की, जिससे उन्हें उचित सम्मान मिला।

मरणोपरांत मिला भारत रत्न
सरदार वल्लभभाई पटेल को 1950 में उनकी मृत्यु के 41 साल बाद, 1991 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर कहा कि आज लोग एकजुट हैं और उन्होंने 2047 तक भारत को एक पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है। उनका यह संकल्प देश की समृद्धि और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

दीपावली के कारण समय परिवर्तन
अमित शाह ने बताया कि 'रन फॉर यूनिटी' आमतौर पर सरदार पटेल की जयंती 31 अक्टूबर को मनाई जाती है। लेकिन इस साल, दीपावली के कारण यह कार्यक्रम दो दिन पहले, यानी 29 अक्टूबर को आयोजित किया गया है। यह बदलाव त्योहार की खुशी और एकता के संदेश को जोड़ने के लिए किया गया है।

धनतेरस के अवसर पर दौड़
उन्होंने यह भी कहा कि आज धनतेरस है, और इस शुभ अवसर पर दौड़ का आयोजन किया जा रहा है। मोदी सरकार 2014 से 31 अक्टूबर को 'राष्ट्रीय एकता दिवस' के रूप में मनाती आ रही है, जिससे राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत किया जा सके। आपको बता दें कि सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को हुआ था। वे भारत के पहले गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री बने। उन्हें 550 से अधिक रियासतों को भारत संघ में विलय करने का श्रेय दिया जाता है। अमित शाह ने कहा कि 2047 तक भारत सभी मापदंडों में दुनिया का अग्रणी देश होगा। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, हम सरदार पटेल की विरासत को सहेजने और उनके योगदान को याद करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। इस तरह, सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से उनकी भूमिका और योगदान को याद किया जा रहा है।