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सुकमा में पहली क्लास की छात्रा से रेप : स्कूल स्टाफ ने पुलिस को देर से दी सूचना, दो कर्मचारी निलंबित…

इम्पैक्ट डेस्क.

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक आवासीय विद्यालय के छात्रावास (हॉस्टल) की दो महिला कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। दोनों पर नाबालिग लड़की के साथ रेप की घटना की सूचना पुलिस को देर से देने का आरोप है। इस बात की जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी। पुलिस ने बताया कि पहली कक्षा की छात्रा के साथ 22 जुलाई की रात को एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा कथित तौर पर बलात्कार किया गया था। घटना के दौरान मासूम एर्राबोर पुलिस स्टेशन क्षेत्र की सीमा में ‘पोर्टा केबिन’ स्कूल के छात्रावास में थी।

हालांकि, पुलिस को मामले की सूचना 24 जुलाई को दी गई। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, ‘छात्रावास की अधीक्षक और सहायक अधीक्षक दोनों महिलाओं, को पुलिस को मामले की सूचना देने में कथित तौर पर देरी करने के लिए निलंबित किया गया है।’ उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए सुकमा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गौरव मंडल के नेतृत्व में गठित आठ सदस्यीय टीम आरोपी की पहचान करने की कोशिश कर रही है।
    
पोर्टा केबिन राज्य के बस्तर संभाग के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित गांवों में स्थापित पूर्व-निर्मित संरचना वाले आवासीय विद्यालय हैं, जिसमें आदिवासी बहुल सुकमा जिला भी शामिल है। सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण जी चव्हाण ने मंगलवार को कहा कि 6-7 साल की पीड़िता ने 23 जुलाई को अपने माता-पिता को घटना की जानकारी दी, जिसके बाद छात्रावास अधीक्षक को इसकी सूचना दी गई। अगले दिन पुलिस में शिकायत दर्ज होने के बाद, भारतीय दंड संहिता की धारा 376 एबी, 456, 363 और 324 और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया।

इस बीच, छत्तीसगढ़ में विपक्षी पार्टी बीजेपी ने इस घटना को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस की आलोचना की और दावा किया कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति ध्वस्त हो गई है। बीजेपी ने अपनी विधायक रंजना साहू की अध्यक्षता में पार्टी नेताओं की एक जांच टीम भी गठित की है, जिसे सुकमा के आवासीय विद्यालय का दौरा करने और एक रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है।

साहू ने एक बयान में कहा, ‘अगर यह सरकार और इसके अधिकारी राज्य के शैक्षणिक और आवासीय आश्रम-छात्रावासों में भी लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर पा रहे हैं, तो ऐसी बेशर्म और अक्षम सरकार को एक पल भी सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।’ उन्होंने कथित तौर पर अपराध को दबाने की कोशिश करने के लिए छात्रावास अधीक्षक पर भी निशाना साधा। साहू ने दावा किया कि भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्य में रेप की लगभग 5,000 घटनाएं दर्ज की गई हैं। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा पर सरकार के सभी दावे खोखले साबित हुए हैं।