Madhya Pradesh

बारिश ने किया तरबतर, रीवा, जबलपुर, गुना समेत 12 जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट

भोपाल

बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र आगे बढ़ते हुए झारखंड तक पहुंच गया। मानसून द्रोणिका मध्य प्रदेश से होकर गुजर रही है। अरब सागर में भी चक्रवाती परिसंचरण मौजूद है। इन मौसम प्रणालियों के असर से मप्र में पर्याप्त नमी आ रही है, जिसके चलते कई इलाकों में झमाझम बारिश हो रही है।

शुक्रवार को इंदौर में करीब 3 इंच पानी गिरा, वहीं खंडवा में 2.5 इंच, भोपाल में 2 इंच, छिंदवाड़ा में 1.75 इंच, गुना में 1.25 इंच और सीधी में 0.5 बारिश रिकॉर्ड की गई। धार, रतलाम, उज्जैन, मंडला, सतना समेत कई जिलों में भी बारिश हुई।

इन जिलों में हो सकती है भारी बारिश

मौसम विभाग ने शनिवार को गुना, शिवपुरी, जबलपुर, कटनी, रीवा, सीधी समेत दर्जनभर जिले में अति भारी बारिश की चेतावनी देते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा व सिवनी, मंडला व बालाघाट समेत 16 जिलों में गरज-चमक के साथ तेज बौछारें पड़ने की संभावना जताते हुए ऑरेंज अलर्ट की श्रेणी में रखा है। प्रदेश के बाकी हिस्सो में भी हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

इन जिलो में रेड अलर्ट

शिवपुरी, गुना, आगर, शाजापुर, हरदा, कटनी, जबलपुर, मंडला, डिंडोरी, रीवा, सीधी व सतना जिलों में भारी बारिश होने के आसार हैं।

ऑरेंज अलर्ट वाले जिले

श्योपुरकलां, राजगढ़, खंडवा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, सिवनी, नरसिंहपुर, बालाघाट, दमोह, छतरपुर, पन्ना, सतना, उमरिया व शहडोल जिलों में गरज-चमक के साथ तेज बौछारें पड़ सकती हैं।

ये वेदर सिस्टम सक्रिय

मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल के उत्तरी भागों और पूर्वोत्तर झारखंड में बना कम दबाव का क्षेत्र शनिवार सुबह उत्तर-पश्चिम झारखंड और आसपास के इलाकों में पहुंच गया। इससे जुड़ा चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 7.6 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। अगले 24 घंटों के दौरान इसके मध्य मध्य प्रदेश की ओर लगभग पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। इसके असर से 25 अगस्त को प्रदेश के अनेक इलाकों में भारी बारिश हो सकती है।

मानसून की द्रोणिका जैसलमेर, रोहतक, हमीरपुर, सतना, उत्तर-पश्चिम झारखंड और आसपास के क्षेत्रों पर कम दबाव वाले क्षेत्र के केंद्र, दीघा से होकर दक्षिण-पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी के पूर्व-मध्य तक फैली हुई है। अलावा एक चक्रवाती परिसंचरण महाराष्ट्र तट से दूर पूर्व-मध्य अरब सागर पर स्थित है और ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है। एक चक्रवाती परिसंचरण बंगाल की खाड़ी के उत्तर में स्थित है। मानसून द्रोणिका का पश्चिमी छोर अपनी सामान्य स्थिति के दक्षिण में और इसका पूर्वी छोर औसत समुद्र तल पर अपनी सामान्य स्थिति के उत्तर में स्थित है। एक अपतटीय द्रोणिका उत्तर महाराष्ट्र तट से उत्तर केरल तट तक चलती है।

आगे ऐसा रहेगा मौसम

मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अगले तीन दिन प्रदेश में बारिश से राहत के आसार नहीं हैं। खासकर 25 अगस्त को प्रदेश के कई इलाकों में अति भारी बारिश हो सकती है। 26 अगस्त को भी प्रदेश के पश्चिमी इलाकों में तेज बारिश की उम्मीद है। 27 अगस्त से बारिश की गतिविधियों में गिरावट आ सकती है।