प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 74वां जन्मदिन धूमधाम के साथ मनाया गया, आईएमएफ ने 3500 मरीजों का फ्री इलाज किया
मुंबई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 74वां जन्मदिन 17 सितंबर को देशभर में धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर भारतीय अल्पसंख्यक फाउंडेशन (आईएमएफ) ने मुंबई में स्वास्थ्य सेवा पखवाड़े का आयोजन किया। इसमें 3500 मरीजों ने मुफ्त इलाज का लाभ लिया। दरअसल, आईएमएफ ने महाराष्ट्र में मुस्लिम समुदाय के विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर अल्पसंख्यक और वंचित समुदायों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच प्रदान करने के लिए एक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया। इसमें समाज के विभिन्न वर्गों के पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के अलावा मुस्लिम समुदाय के धार्मिक नेताओं और राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू ने शिरकत की। आईएमएफ के मेगा मल्टीस्पेशलिटी हेल्थ कैंप में मुंबई के डॉक्टरों ने कहा कि पीएम मोदी ने पिछले 10 वर्षों के दौरान हर एक भारतवासी के लिए किफायती स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को सुनिश्चित किया है।
डॉक्टरों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन वाली सरकार महाराष्ट्र में मिशन मोड पर काम कर रही है। इसी के तहत राज्य में 14 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा, “पीएम मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे के तेजी से विकास ने भारत को गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सेवा का केंद्र बना दिया है।“
वहीं, मुस्लिम समुदाय के लाभार्थियों ने कहा, “आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये के मुफ्त स्वास्थ्य कवरेज ने महाराष्ट्र में बुजुर्गों, महिलाओं और वंचितों के लिए स्वास्थ्य सेवा को और भी आसान बनाया है।“ इस बीच राज्यसभा सांसद और आईएमएफ संयोजक सतनाम सिंह संधू ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “भारत में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली ने केंद्र सरकार के पिछले 10 साल के कार्यकाल में बड़े पैमाने पर परिवर्तन देखा है। देश में पहली बार स्वास्थ्य को विकास से जोड़ा जा रहा है। वास्तव में अब देश में “स्वस्थ राष्ट्र, समृद्ध राष्ट्र” की भावना पैदा हुई है। पिछले 10 वर्षों में स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट 175 प्रतिशत बढ़ा है।“
बता दें कि कैंप में स्त्री रोग, ऑन्कोलॉजी, नेत्र रोग, सामान्य चिकित्सा, बाल रोग, हड्डी रोग, आंतरिक चिकित्सा, त्वचा रोग, होम्योपैथिक, एलोपैथिक और आयुर्वेदिक से जुड़े चेकअप किए। इसमें 200 से अधिक प्रतिष्ठित डॉक्टरों, 300 पैरा मेडिकल स्टाफ, सहायकों और स्वयंसेवकों ने योगदान दिया। 3500 से अधिक रोगियों ने चेकअप कराया। इनमें से ज्यादातर मुंबई के झुग्गी क्षेत्रों से ताल्लुक रखते थे।