सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर फिशिंग अटैक… व्यक्तिगत-गोपनीय जानकारी साझा करने को लेकर किया सतर्क…
इम्पैक्ट डेस्क.
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर साइबर अटैक की खबर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक सर्कुलर जारी कर कहा कि उसकी रजिस्ट्री को उसकी वेबसाइट पर फिशिंग हमले के बारे में अवगत कराया गया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि आधिकारिक वेबसाइट की नकल करते हुए एक फर्जी वेबसाइट बनाई और होस्ट की गई है। अटैक करने वाले यूआरएल के माध्यम से व्यक्तिगत विवरण और गोपनीय जानकारी मांग रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने लोगों को सतर्क करते हुए कहा, उस यूआरएल पर क्लिक करने वालों को दृढ़ता से सलाह दी जाती है कि वे किसी भी व्यक्तिगत और गोपनीय जानकारी को साझा या प्रकट न करें, क्योंकि इससे अपराधियों को जानकारी चुराने में मदद मिलेगी।
फिशिंग अटैक क्या है?
हैकिंग की दुनिया मे तरह-तरह के कई सारे अटैक साइबर अपराधियों द्वारा किए जाते हैं और इन्हीं साइबर अटैक में से एक फिशिंग अटैक भी है। यह काफी अधिक लोकप्रिय साइबर अटैक है। इसके चंगुल में फंसने वाले लोग न सिर्फ पैसा बल्कि पर्सनल डाटा भी गंवा देते है। इस अटैक का उपयोग हैकर यूजर की गोपनीय जानकारी जैसे बैंक अकाउंट संबंधित जानकारी, सोशल मीडिया अकाउंट इनफॉर्मेशन, क्रेडिट कार्ड डिटेल्स इत्यादि को चुराने के लिए करता है। इस अटैक के तहत साइबर अपराधी यूजर को ईमेल, मैसेज या यूआरएल भेजते हैं, जिसमें एक लिंक अटैच होता है।
साइबर अपराधी यूजर को लिंक पर क्लिक करके अपने गोपनीय जानकारी को दर्ज करने के लिए निवेदन या फिर मजबूर करते है और जब यूजर डरकर या फिर लालच मे आकर उनके द्वारा भेजे गए लिंक पर क्लिक करता है तब वह एक फिशिंग पेज पर पहुंच जाता है, जो बिल्कुल किसी सत्यापित कंपनी या संस्था के पेज की तरह दिखाई देता है। फिर जैसे ही यूजर उस पेज में अपना गोपनीय जानकारी दर्ज करके सबमिट करता है, उसकी गोपनीय जानकारी साइबर अपराधी के पास पहुंच जाता है और वह उसका दुरुपयोग करता है। यह बिल्कुल मछली पकड़ने की तरह होता है इसलिए इसे फिशिंग अटैक के नाम से जाना जाता है।