रायपुर स्टेशन में मिस्टिंग शावर सिस्टम बंद होने से गर्मी में परेशान यात्री
रायपुर
इन दिनों भीषण गर्मी में रायपुर रेलवे स्टेशन तप रहा है। यात्री रोज पसीने से तर-बतर हो रहे हैं। यात्रियों को गर्म हवा के थपेड़ों से राहत दिलवाने के लिए रेलवे ने स्टेशन में मिस्टिंग शावर सिस्टम तीन साल पहले लगाया था। इससे ठंडे पानी की बौछार होने से भीषण गर्मी से काफी राहत मिलती थी, लेकिन यह सिस्टम अब तक बंद है। जबकि रेलवे ने एक अप्रैल से चालू करने का दावा किया था, पर अप्रैल का पूरा महीना बीत जाने के बाद भी यह सिस्टम चालू नहीं हो सका है। इसके कारण स्टेशन के सभी प्लेटफार्मों पर यात्री रोज झुलस रहे हैं।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि शेड में जो पाइप पानी की फुहारों के लिए लगाई है, उसका नोजल खराब होने से फुहारे बंद हैं। प्लेटफार्म तीन और पांच पर लगे पंखे गर्म हवा फेंक रहे हैं। रायपुर रेलवे स्टेशन समेत मंडल के अन्य स्टेशनों पर मिस्टिंग शावर सिस्टम अपडेट नहीं है।
जबकि अप्रैल से मंडल के सभी स्टेशनों पर लगाने का प्रविधान है। बावजूद इसके सभी प्लेटफार्म पर शावर मिस्टिंग सिस्टम नहीं लगाया जा सका है। यात्रियों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए पानी के फुहारे छोड़े जाते हैं। माह जून तक शावर की व्यवस्था रहती है। रायपुर व दुर्ग रेलवे स्टेशन पर तीन महीने तक शावर लगाने के लिए करोड़ों के टेंडर की प्रक्रिया अपनाई गई थी।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही सभी प्लेटफार्म पर इसे चालू कर दिया जाएगा। रेलवे डीसीएम ने रेलवे स्टेशन के सभी शावर सिस्टम को अपडेट करने के निर्देश दिए हैं। प्लेटफार्म नंबर एक से सात तक के शावर सिस्टम की पाइप लाइन की मरम्मत का काम पिछले महीने ही किया गया था।
तेज गर्मी में परेशान हैं यात्री
रायपुर का तापमान गर्मी के दिनों में 40 से 47 डिग्री तक होता है। इस तरह भीषण गर्मी में प्लेटफार्म पर खड़े होकर ट्रेन का इंतजार करने वाले हजारों यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले लंबे समय से लंबी दूरी की अधिकांश एक्सप्रेस ट्रेन दो से पांच घंटे तक लेट आ जा रही हैं। इस वजह से प्लेटफार्म पर यात्रियों के लिए राहत का इंतजाम करना बेहद जरूरी है।
रायपुर रेल मंडल के डीसीएम राकेश सिंह ने कहा, गर्मी को ध्यान में रखकर स्टेशन में ट्रेन आने पर यात्रियों को राहत दिलाने मिस्टिंग सिस्टम से पानी की फुहार सुबह दस से शाम पांच बजे तक चलाया जाता है। अगर किसी प्लेटफार्म पर यह सिस्टम बंद है तो इंजीनियर को इसे दुरूस्त कराकर चलाने के निर्देश दिए गए हैं।