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जंग से तंग फिलिस्तीनियों ने Hamas को सिखाया तगड़ा सबक, अपने लोग ही कर रहे बगावत, कहीं अमेरिका वाला डर तो नहीं

गाजा

इजराइल के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से उत्तरी गाजा में फिलिस्तीनियों ने ही सबसे बड़ा हमास विरोधी विरोध प्रदर्शन किया है. इसमें शामिल होने लिए सैकड़ों फिलिस्तीनी सड़कों पर उतरे. उन्होंने युद्ध को समाप्त करने की मांग की और मांग की कि हमास सत्ता से हट जाए. ये प्रदर्शन गाजा पट्टी के उत्तरी हिस्से में बेत लाहिया में हुए. इजरायली सेना द्वारा लगभग दो महीने के संघर्ष विराम के बाद गाजा पर अपनी गहन बमबारी फिर से शुरू करने के एक हफ्ते बाद भीड़ इकट्ठा हुई थी।

मंगलवार, 25 मार्च की देर रात सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो और तस्वीरों में सैकड़ों प्रदर्शनकारी, जिनमें ज्यादातर पुरुष थे, "बाहर, बाहर, बाहर, हमास बाहर" और "हमास आतंकवादियों" के नारे लगाते हुए दिखाई दिए. उनके हाथों में प्ले कार्ड थे जिनपर "युद्ध बंद करो" और "हम शांति से रहना चाहते हैं" जैसे नारे लिखे हुए थे.

सवाल यह है कि आखिर फिलिस्तीन में आम लोग अब हमास के खिलाफ क्यों सड़कों पर उतर रहे हैं. जानकारों का कहना है कि आम इंसान जंग से आजीज आ चुके हैं. कुछ ये भी कह रहे हैं कि यह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस चेतावनी का भी असर हो सकता है जिसमें उन्होंने हमास-इजरायल जंग को खत्म करने के लिए फिलिस्तीनियों को कहीं और बसाने की बात कही थी. खैर इसका कारण जो भी, लेकिन आम फिलिस्तीनियों का सड़क पर उतरना गाजा और पूरे मध्य पूर्व में शांति की आहट का संकेत देता है.

बुधवार को ज्यादातर प्रदर्शन गाजा के उत्तरी हिस्से में हुए. लोग 17 महीने से चल रही इजराइल के साथ जंग को खत्म करने की मांग कर रहे थे, जिसने गाजा में जिंदगी को बहुत मुश्किल बना दिया है. लेकिन प्रदर्शनकारियों ने हमास की भी खुलकर आलोचना की, जिसका अब भी गाजा पर कब्जा है.
बेत लाहिया कस्बे में करीब 3,000 लोग जमा हुए. वहां मंगलवार को भी ऐसा ही प्रदर्शन हुआ था. जनता हमास का पतन चाहती है… जैसे नारे लगाए गए. गाजा शहर के शिजैया इलाके में भी दर्जनों लोगों ने “बाहर, बाहर, हमास बाहर जाओ” के नारे लगाए.

‘हमारे बच्चे मारे गए’
न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक अबेद रदवान नाम के एक शख्स ने कहा, “हमारे बच्चे मारे गए, हमारे घर तबाह हो गए.” उन्होंने बेत लाहिया के प्रदर्शन में हिस्सा लिया था और कहा कि यह युद्ध, हमास, फिलिस्तीनी गुटों, इजराइल और दुनिया की चुप्पी के खिलाफ था.

अम्मार हसन, जिन्होंने मंगलवार को प्रदर्शन में हिस्सा लिया, ने बताया कि यह शुरू में युद्ध के खिलाफ छोटा प्रदर्शन था, लेकिन बाद में 2,000 से ज्यादा लोग जुट गए और हमास के खिलाफ नारे लगाने लगे. उन्होंने कहा, “हम सिर्फ हमास को प्रभावित कर सकते हैं. प्रदर्शन से इजराइल रुकेगा नहीं, लेकिन हमास पर असर पड़ सकता है.”

हमास ने पहले प्रदर्शनों को हिंसा से रोका था, लेकिन इस बार कोई साफ हस्तक्षेप नहीं दिखा. शायद इसलिए कि इजराइल के साथ जंग फिर शुरू होने के बाद हमास कमजोर दिखाई दे रहा है. हमास के वरिष्ठ नेता बासेम नईम ने फेसबुक पर कहा कि लोगों को प्रदर्शन का हक है, लेकिन उनका ध्यान “अपराधी हमलावर” इजराइल पर होना चाहिए.

बेत लाहिया के परिवारों के बुजुर्गों ने इजराइल के नए हमले और गाजा में सभी आपूर्तियों पर सख्त रोक के खिलाफ प्रदर्शनों का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि समुदाय इजराइल के खिलाफ सशस्त्र प्रतिरोध का पूरा समर्थन करता है. बेत हनून के मोहम्मद अबू साकर ने कहा, “यह प्रदर्शन राजनीति के बारे में नहीं था, यह लोगों की जिंदगी के बारे में था. हम हत्या और विस्थापन रोकना चाहते हैं. हम इजराइल को नहीं रोक सकते, लेकिन हमास से रियायतें मांग सकते हैं.”

दो दिन से लगातार प्रदर्शन
जबालिया में भी मंगलवार को ऐसा ही प्रदर्शन हुआ. एक प्रदर्शनकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि वे इसलिए शामिल हुए क्योंकि “सबने हमें नाकाम किया.” उन्होंने इजराइल, हमास, पश्चिमी समर्थित फिलिस्तीनी प्राधिकरण और अरब मध्यस्थों के खिलाफ नारे लगाए. वहां हमास की सुरक्षा बल नहीं दिखे, लेकिन समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़पें हुईं. बाद में उन्हें प्रदर्शन में शामिल होने का पछतावा हुआ, क्योंकि इजराइली मीडिया ने हमास विरोध पर जोर दिया.

इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने फिलिस्तीनियों से प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की. उन्होंने कहा, “हमास को गाजा से हटाओ और बंधकों को तुरंत रिहा करो. यही जंग रोकने का तरीका है.” यह प्रदर्शन इजराइल के हमास के साथ संघर्षविराम खत्म करने और सैकड़ों लोगों को मारने वाले हमलों के एक हफ्ते बाद शुरू हुए. इस महीने की शुरुआत में इजराइल ने गाजा में भोजन, ईंधन, दवा और मानवीय सहायता रोक दी. 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले, जिसमें 1,200 लोग मारे गए और 251 बंधक बनाए गए, के बाद यह जंग शुरू हुई थी. इजराइल के जवाबी हमलों में 50,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं.