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“हमारा चुनाव BJP और EVM दोनों से है…” दिग्विजय सिंह

 राजगढ़

लोकसभा चुनाव 2024 के तहत मध्यप्रदेश में मुकाबला बेहद रोचक होता दिख रहा है. मध्यप्रदेश की राजगढ़ सीट से कांग्रेस पार्टी ने दिग्विजय सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. बता दें कि दिग्विजय सिंह 33 साल बाद राजगढ़ से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. इन दिनों वो चुनाव प्रचार में लगे हैं और दावा कर रहे हैं उनके क्षेत्र की जनता एक बार फिर उनपर भरोसा जताएगी और वह यह चुनाव बड़े अंतर से जीतने जा रहे हैं.  दिग्विजय सिंह ने कहा कि इस बार का चुनाव भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और EVM के खिलाफ है. मैंने कहा कि इतने वोट दो कि ईवीएम भी हारे और बीजेपी भी.

"कई बुनियादी सुविधाओं की है कमी"

दिग्विजय सिंह ने कहा कि यहां (राजगढ़) के लोगों से फूड फ्रोसेसिंग यूनिट का वादा किया गया था. यहां पानी नहीं है. मुझे आश्चर्य हुआ कि यहां के ग्रामीण इलाकों को जैसा छोड़ा था आज भी यह उसी हालत में हैं. क्षेत्र के हैंडपंप चल नहीं रहे, पानी नहीं है. राजगढ़ पठार पर है, यहां पानी स्टोर नहीं करेंगे तो पानी नहीं मिलेगा. वाटर शेड मेरा मिशन था, खेत का पानी खेत में गांव का पानी गांव में. उस समय यहां के ट्यूबवेल सूखते नहीं थे लेकिन अब यहां सूखा पड़ा है. यहां के लोगों के पलायन भी एक अहम समस्या है.

दिग्विजय सिंह ने EVM पर खड़े किए सवाल

आपको बता दें कि पिछले महीने अपनी पदयात्रा के दौरान दिग्विजय सिंह बीजेपी के 2023 विधानसभा चुनाव के वादों के बारे में लोगों को बता रहे थे. उस दौरान उन्होंने कहा था कि ये वो वादे हैं जो डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में 100 दिन पूरे होने के बाद भी अधूरे हैं. हालांकि, यहां भी जोर ईवीएम पर है, कुछ दिनों पहले भोपाल में अपने आवास पर एक मॉक पोल के जरिये दिग्विजय ने ईवीएम में हेरफेर के अपने आरोपों का समर्थन करने के लिए गुजरात के कुछ विशेषज्ञों को भी बुलाया था. हालांकि, बीजेपी का कहना है कि दिग्विजय सिंह को कोई गंभीरता से नहीं लेता.

33 साल बाद राजगढ़ सीट से चुनावी मैदान में दिग्विजय सिंह

दिग्विजय सिंह को 33 साल बाद राजगढ़ सीट से कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया गया है. उन्होंने 1984 और 1991 में सीट जीती, लेकिन 1989 में उसी सीट से हार गए थे. उनके छोटे भाई लक्ष्मण सिंह भी इस सीट से पांच बार जीत चुके हैं. सिंह का मुकाबला बीजेपी से दूसरी बार सांसद चुने गए रोडमल नागर से है. राजगढ़ सीट मध्य प्रदेश के तीन जिलों – गुना, राजगढ़ और आगर-मालवा की आठ विधानसभा सीटों को कवर करती है, जहां तीसरे चरण (7 मई) में मतदान होगा. दिग्विजय सिंह ने 2019 का लोकसभा चुनाव मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में लड़ा था, लेकिन बीजेपी की प्रज्ञा ठाकुर से 3.64 लाख वोटों के भारी अंतर से हार गए थे.