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संविधान और प्रजातंत्र की रक्षा में विपक्ष एकजुट, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने सपा के अलग होने पर दी सफाई

नई दिल्ली।

विपक्षी महागठबंधन 'इंडिया' ब्लॉक में हो रही टूट और अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) से राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सोमवार को आईएएनएस से खास बात की। 'इंडिया' ब्लॉक को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है। समाजवादी प्रदेश के पार्टी अध्यक्ष अबू आजमी ने गठबंधन से पीछे हटने बात कही है, वहीं शिवसेना (यूबीटी) से विधायक आदित्य ठाकरे ने सपा को भारतीय जनता पार्टी की 'बी' टीम बताया है।

प्रियंका चतुर्वेदी ने इस पर कहा कि 'इंडिया' ब्लॉक एकजुट है और आगे भी रहेगा। देश के संविधान और प्रजातंत्र की रक्षा करने के लिए यहां पर हम सभी एक साथ आए हैं। भाजपा इस चीज को दरकिनार करने की कोशिश कर रही है। महाराष्ट्र के संदर्भ में प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "आदित्य ठाकरे ने बहुत स्पष्ट तरीके से बताया था कि अखिलेश यादव हमारे साथ मिलकर वो लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन सपा के कुछ अन्य लोग हैं, जो महाविकास अघाड़ी से अलग होने वाले बयान देकर, भाजपा को फायदा दे रहे हैं। इससे हमें बचना चाहिए। अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ पुरजोर तरीके से लड़ रहे हैं। ऐसे में उनकी लड़ाई को कमजोर करना सही नहीं है। वो इसका संज्ञान लेंगे। मेरी उम्मीद है कि महाविकास अघाड़ी में सभी एक साथ होकर यह लड़ाई लड़ेंगे।" मांगों को लेकर राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली की तरफ कूच कर रहे किसानों को लेकर प्रियंका गांधी ने कहा, "यह बहुत ही शर्मनाक है। ये सरकार हमेशा किसानों के खिलाफ काम करती है। उनके हित के बारे में नहीं सोचती। उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही थी, इसके बाद तीन काले कानून लाए। जब 700 से अधिक किसान शहीद हुए, तो उन्हें आतंकवादी, एंटी इंडिया, खालिस्तानी समर्थक बताया गया। लेकिन फिर भी वो लड़ाई लड़ते रहे और मजबूर कर दिया कि उन तीन काले कानून को वापस लें।

शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा, "तीन काले कानून वापस लेते समय सरकार ने एमएसपी देने का वादा किया था। जो अभी तक नहीं मिली। इसी मांग को लेकर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन पुलिस टियर गैस, लाठी चार्ज करके किसानों को घायल करती है। किसानों को दिल्ली बॉर्डर से आने नहीं देते हैं और उन पर पाबंदी लगाते हैं। ये खुद को किसान प्रेमी बताते हैं, लेकिन उनके विरोध में काम करते हैं। देश के उपराष्ट्रपति ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को फटकारा था कि यह कैसी वादाखिलाफी है, जिस पर उनको संज्ञान लेना चाहिए।"