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हिमाचल के इस गांव में सिर्फ 159 वोटर, पैदल पहुंचने में लगते हैं 4 दिन, हेलिकॉप्टर से भेजी गईं EVM

बैजनाथ
लोकसभा चुनाव के चार चरणों का मतदान पूरा हो चुका है और बचे हुए तीन चरणों का प्रचार अभियान जोरों पर है. उम्मीदवार से लेकर स्टार प्रचारक और नेतागण वोट मांगने के लिए डोर- टू-डोर कैंपेन तक कर रहे हैं. इन सबके बीच हिमाचल प्रदेश का एक गांव ऐसा है जहां आज तक कोई भी नेता वोट मांगने कि लए नहीं पहुंचा है. यह गांव हिमाचल प्रदेश के बैजनाथ में पड़ता है जिसका नाम बड़ा भंगाल है.

गांव में रहने वाले महज 159 वोटरों के लिए हेलीकॉप्टर से ईवीएम मशीनें भेजी जाएंगी. बैजनाथ के अति दुर्गम क्षेत्र बड़ा भंगाल में आज तक कोई भी नेता चुनाव प्रचार या वोट मांगने नहीं आया है. इसका कारण यहां तक पहुंचने के कठिन और दुर्गम रास्ते हैं. बड़ा भंगाल गांव तक पैदल पहुंचने में 3 से 4 दिन का समय लगता है.

2011 में पहली बार पहुंचे थे धूमल

वर्ष 2011 में बड़ा भंगाल पंचायत में पहली बार तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, तत्कालीन वूल फेडरेशन अध्यक्ष त्रिलोक कपूर हेलिकॉप्टर के माध्यम से पहुंचे थे और लोगों को संबोधित किया था. इसके बाद 2018 में पहली बार तत्कालीन बैजनाथ विधायक मुल्ख राज प्रेमी ने हेलीकॉप्टर के माध्यम से बड़ा भंगाल का दौरा किया. हालांकि, अभी तक कोई भी नेता वोटिंग के वक्त प्रचार करने नहीं पहुंचा है.

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की सबसे दुर्गम पंचायत बड़ा भंगाल में वर्तमान में रहने वाले 159 मतदाताओं को लोकसभा चुनाव में मतदान की सुविधा प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन ने पहले ही पोलिंग पार्टी भेज दी है.प्रशासन ने यहां चुनाव की सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं.

1 जून को होनी है वोटिंग

यह गाँव सर्दियों में राज्य के बाकी हिस्सों से कटा रहता है, यहां तक कि अधिकांश निवासी यहां से दूसरे गांव में चले जाते हैं. बात करें हिमाचल प्रदेश की तो यहां की 4 सीटों के लिए एक ही चरण में वोटिंग होनी है, जो सातवें यानी आखिरी चरण (1 जून) में होगी, जिसमें कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर और शिमला की सीटें शामिल हैं.