महाशिवरात्रि पर ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर 24 घंटे दर्शनार्थियों के लिए खुला रहेगा
खंडवा
महाशिवरात्रि पर ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर 24 घंटे दर्शनार्थियों के लिए खुला रहेगा। प्रतिदिन रात साढ़े आठ बजे होने वाली शयन आरती नहीं होगी। मान्यताओं के अनुसार भू-लोक का भ्रमण कर प्रतिदिन भगवान भोलेनाथ ओंकारेश्वर मंदिर में मां पार्वती के साथ शयन करते हैं।
इसके लिए मंदिर में शयन आरती के बाद नियमित रूप से सेज, झूला और चौसर सजती है।
तीर्थनगरी में 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का उल्लास रहेगा। भगवान ओंकारेश्वर-ममलेश्वर के दर्शनार्थ बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे। इसे देखते हुए तड़के तीन बजे से मंदिर के पट खोल दिए जाएंगे।
चौसर भी बिछती है
अगले दिन तड़के ढाई बजे कुछ समय के लिए पट बंद होंगे। शास्त्रों के अनुसार ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती रात्रि विश्राम करते हैं। इसके चलते रात्रि में यहां भगवान के लिए सेज, झूला और चौसर भी बिछती है।
रात्रि 8:30 बजे के बाद मंदिर के पट बंद कर शयन आरती की जाती है। इसके बाद भगवान विश्राम करते हैं। महाशिवरात्रि पर शयन आरती और भगवान के लिए सेज और झूला नहीं सजेगा।
उज्जैन में भस्म आरती और ओंकारेश्वर में शयन आरती का महत्व
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए महाशिवरात्रि पर एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु आते हैं। इसे देखते हुए आम दिनों की तुलना में मंदिर के कार्यक्रम और धार्मिक आयोजनों में बदलाव होता है।
मंदिर ट्रस्ट के पं. आशीष दीक्षित और पं. डंकेश्वर दीक्षित ने बताया कि महाकालेश्वर में भस्म आरती के समान ओंकारेश्वर में भगवान की शयन आरती का महत्व है। महाशिवरात्रि के अलावा भगवान 15 दिन के लिए भगवान निमाड़-मालवा के भ्रमण पर जाने के दौरान भी मंदिर में शयन आरती और गर्भगृह में सेज तथा झूला नहीं सजता है।
पट खुलने पर पहले साधु-संत करेंगे दर्शन
महाशिवरात्रि पर सुबह तीन बजे पट खुलने के बाद साधु-संत और संन्यासी जुलूस के साथ मंदिर पहुंचकर पूजन-दर्शन करेंगे। इसके बाद आम श्रद्धालुओं के दर्शन का सिलसिला शुरू हो जाएगा। दोपहर 12:20 बजे भगवान को भोग के लिए कुछ समय पट बंद होंगे। फिर रात तीन बजे तक पट खुले रहेंगे। शिवरात्रि पर मंदिर में फूलों से सजावट और तीर्थनगरी तथा घाटों पर रोशनी की जाएगी।