Madhya Pradesh

अब मध्य प्रदेश में अब इन 55 जगहों का नाम बदलने की उठी मांग, इन जगहों का नाम बदलने की मांग

भोपाल
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा उज्जैन जिले की तीन पंचायत के नाम बदलने के बाद अब प्रदेश भर से 55 जगहों के नाम बदलने की मांग हो रही है. पिछले दिनों मोहन यादव ने उज्जैन जिले की तीन पंचायत के नाम बदले थे, जिसमें मौलाना गांव का नाम बदलकर विक्रम नगर , जहांगीरपुर का नाम बदलकर जगदीशपुर और गजनी खेड़ी का नाम बदलकर चामुंडा माता गांव करने का ऐलान किया था.

इसके बाद अब प्रदेश भर से ऐतिहासिक और सांस्कृतिक आधार पर करीब 55 जगहों का नाम बदलने की मांग हो रही है. जिन शहरों से नाम बदलने की मांग हो रही है, उनमें प्रदेश की राजधानी भोपाल से 12, रायसेन से 12, उज्जैन से 5, विदिशा से 3, सीहोर और मंदसौर से 4-4 जगहों के नाम बदलने की मांग है. मांग करने वाले लोगों का दावा है कि मुगल और नवाबों के समय कई गांवों और शहरों के नाम बदले गए और अब इन जगहों को उनके पुराने नामों को वापस देने की मांग हो रही है.

इन जगहों का नाम बदलने की मांग
औबेदुल्लागंज रायसेन जिले में है, जो पहले हिरानिया था, जिसे बाद में भोपाल रियासत की नवाब सुल्तान जहां के बेटे औबेदुल्ला खां के नाम पर बदल दिया गया. गौहरगंज कभी कलियाखेड़ी था, इसे राजा भोज के मंत्री के नाम पर बदल दिया गया जो बाद में नवाब हमीदुल्लाह खां की बेटी आबिदा सुल्तान के नाम पर इसको गौहरगंज बना दिया गया. वहीं शमशाबाद जो पहले सूर्य नगर था, क्योंकि यहां सूर्यमंदिर था, लेकिन मुगलो ने इसे तोड़ दिया.

नूरगंज जो पहले रुरूप नगर था, लेकिन नवाबों ने इसे बदलकर नूरगंज कर दिया गया. वहीं भोपाल में जहांगीराबाद, शाहजहांनाबाद, हबीबगंज, मुबारकपुर, बरखेड़ा याकुब और आदमपुर छावनी जैसे इलाकों को क्षेत्रों के नाम बदलने की मांग चल रही है.  विदिशा जिले के शमशाबाद को बदलकर सूर्य नगर और गंजबासौदा के मियाखेड़ी का नाम बदलने की भी मांग चल रही है.

कौन लेगा अंतिम फैसला?
उज्जैन जिले के आजमपुरा को बदलकर भवानीपुरा और इशाकपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर करने की मांग है. मंदसौर जिले के मोहम्मदपुरा को बदलकर मेनपुरिया और अफजलपुर का नाम बदलकर सूर्यनगरी करने की मांग है. सीहोर जिले के शाहगंज को बदलकर चीचली और हमीदगंज का नाम बदलकर तूमड़ी रखने की मांग है. बता दें शहरों के नाम बदलने की मांग जरूर चल रही है, लेकिन इसपर अंतिम फैसला लेने का अधिकार केंद्र सरकार के पास होता है. राज्य सरकार केवल प्रस्ताव भेज सकती है.