अब बाजार में ऐसा बटर आने वाला है, जो ना तो मलाई से और ना ही दुध से बनेगा, ये बटर किसी और चीज से नहीं बल्कि हवा से बनेगा
वाशिंगटन
मलाई से बने बटर के बारे में तो आपने सुना ही होगा, लेकिन अब बाजार में ऐसा बटर आने वाला है, जो ना तो मलाई से और ना ही दुध से बनेगा। जी हां आपने सही सुना है ये बटर किसी और चीज से नहीं बल्कि हवा से बनेगा। हवा से बनने वाले इस बटर में दूध का यूज नहीं होगा। खास बात ये है कि जिस कंपनी ने ये खास बटर बनाने का दावा किया है, उसका कनेक्शन दुनिया के अमीर व्यक्तियों में से एक बिल गेट्स से भी है। ऐसे में यह जानना दिलचस्प होगा कि कंपनी किस फार्मूले का इस्तेमाल कर बटर बनाने जा रही है। बता दें कि इसका दावा सवोर नाम की कैलिफोर्निया की एक कंपनी ने किया है। यह एक स्टार्टअप कंपनी है जो कहता है कि वे एक ऐसा बटर बनाना चाहती है जो डेयरी फ्री हो और उसका स्वाद असली बटर जैसा ही हो।इस कंपनी ने बिना दूध और डेयरी प्रोडक्ट के आइसक्रीम, पनीर आदि के विकल्प बनाए हैं और अब इसमें बटर भी शामिल हो गया है।
हवा से कैसे बनेगा बटर?
इसके बारे में जानने के बाद तो अब आप भी सोच रहे होगें कि ये कैसे संभव हो सकता है कि ये कंपनी बिना दूध के बटर को कैसे बनाए गी। कंपनी इस बटर को बनाने के लिए थर्मोकेमिकल प्रोसेस का इस्तेमाल करती है, जिसके जरिए कार्बन डाइ ऑक्साइड, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को कंबाइन करके बटर बनाया जा सकता है। यानी कि इसका सीधा मतलब है कि इसे बनाने में वो ही कॉम्पोनेंट शामिल किए जाएंगे, जो हवा से मिल सकते हैं। कंपनी ना सिर्फ रियल टेस्ट वाला बटर बना रही है, बल्कि इसके साथ ही ये पर्यावरण के नजरिए से भी काफी फायदेमंद आविशकार करने जा रही है। कंपनी के अनुसार, उनके प्रोडक्ट्स में डेयरी प्रोडक्ट वाले बटर की तुलना में काफी कम कार्बन फुटप्रिंट होगा, जो कि प्रति किलोग्राम में सिर्फ 0.8 ग्राम है। वहीं, इसके विपरीत 80 फीसदी फैट वाले अनसॉल्टेड बटर में एक किलोग्राम में 16.9 किलोग्राम फुटप्रिंट होता है।
कब से आएगा बाजार में?
इस बटर के बाजार में आने को लेकर कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव कैथलीन एलेक्जेंडर का कहना है कि अभी इसे बेचना शुरू नहीं किया गया है और इसे बेचने के लिए अप्रूवल लेने के फेज में हैं। अभी साल 2025 तक इसे बेचने की उम्मीद नहीं कर रहे हैं और इसके बाद ही ये बाजार में आ सकता है। अभी इसके टेस्ट आदि को लेकर एक पैनल बनाया गया है, जो इस पर काम कर रहा है।
क्या है बिल गेट्स से कनेक्शन?
हालांकि, इस स्टार्टअप को बिल गेट्स का सपोर्ट है और बिल गेट्स ने भी इस आइडिया का समर्थन करते हुए किया है। बिल गेट्स का भी कहना है कि लैब में बने फैट और तेलों पर स्विच करना पहले तो थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन इससे कार्बन फुटप्रिंट को बड़ी मात्रा में घटाया जा सकता है। कुछ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके हम पर्यावरण के प्रति अपने लक्ष्यों को हासिल करने में सफल हो सकते हैं। इससे ग्रीन हाउस गैस रिलीज नहीं होगी और ना ही फार्मलैंड का इस्तेमाल होगा और पानी का इस्तेमाल भी कम होगा।