सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार निलेश कुम्भानी का नामांकन फॉर्म रद्द, लगा कांग्रेस को चुनाव से पहले झटका
नई दिल्ली
सूरत में हाई वोल्टेज सियासी ड्रामा देखा जा रहा है। सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार निलेश कुम्भानी का नामांकन फॉर्म रद्द कर दिया है। बताया जाता है कि निलेश कुम्भानी चुनाव अधिकारी के समक्ष अपने तीनों प्रस्तावकों को नहीं पेश कर पाए। बता दें कि उनके तीनों प्रस्तावक उनके खिलाफ थे। तीनों ने जिला निर्वाचन अधिकारी को हलफनामा देकर कहा था कि उन्होंने नामांकन पत्र पर दस्तखत नहीं किए थे। इसके बाद सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुम्भणी का नामांकन खारिज कर दिया गया।
सूरत लोकसभा सीट से ही कांग्रेस के वैकल्पिक उम्मीदवार सुरेश पडसाला का नामांकन पत्र भी अवैध घोषित कर दिया गया है। इससे सूरत लोकसभा सीट पर कांग्रेस चुनावी मुकाबले से बाहर हो गई है। निर्वाचन अधिकारी सौरभ पारधी ने निलेश कुम्भानी का नामांकन फॉर्म रद्द कर दिया। उन्होंने अपने आदेश में कहा कि नीलेश कुम्भणी और सुरेश पडसाला की ओर से सौंपे गए तीन नामांकन पत्रों को प्रस्तावकों के हस्ताक्षरों में विसंगतियां पाई गईं। हस्ताक्षर असली नहीं हैं। इससे उनका पर्चा खारिज कर दिया गया है।
निर्वाचन अधिकारी की ओर से जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि प्रस्तावकों का कहना है कि फॉर्म पर हस्ताक्षर उनके नहीं हैं। इसको लेकर प्रस्तावकों बाकायदा हलफनामा दिया है। इस घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए कांग्रेस के वकील बाबू मंगुकिया ने कहा कि नीलेश कुम्भणी और सुरेश पडसाला के नामांकन खारिज कर दिए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इसको लेकर अब हाईकोर्ट का रुख किया जाएगा। यदि जरूरत पड़ी तो कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट का भी रुख कर सकती है।
बता दें कि भाजपा के दिनेश जोधानी ने निलेश कुम्भानी के फॉर्म में उनके प्रस्तावकों के दस्तखत पर सवाल उठाए थे। अपने प्रस्तावकों को साथ नहीं रख पाने वाले कांग्रेस कैंडिडेट निलेश कुम्भानी ने इस पूरे घटनाक्रम पर कहा कि मेरी सुबह प्रस्तावकों से बात हुई थी तब उन्होंने कहा था कि कलेक्टर ऑफिस पहुंच जाएंगे। अब सभी के फोन बंद हैं। कांग्रेस ने इसे भाजपा की साजिश बताया है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा ने चुनाव से बाहर रखने के लिए यह चाल चली है।